चिकित्सा आधुनिक दौर में है। मेडिकल साइंस में प्रयोग हो रहे हैं। इसकी एक लंबी कड़ी है। कई स्तरों पर प्रयोग होते हैं, तब जाकर जीवन सरल बनता है। इसमें क्लिनिक्ल प्रयोगशाला भी अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसा कई बार होता है, जब हमें खुद या अपनों के इलाज के दौरान लैब जाना पड़ता है। यहां से हमें सही रिपोर्ट हासिल होती है। सही मायने में इसके बाद ही इलाज शुरू होता है। आज के दौर में बीमारियों में इजाफा हो रहा है। ऐसे में इलाज के क्रम में डॉक्टर जांच कराने की सलाह देते हैं, ताकि रोग को जड़ से दूर कर सकें। रोगी चाहता है कि वह जल्द से जल्द ठीक हो जाए और उसे बीमारी के बारे में पूरी जानकारी हो। इसलिए वह सीधे पथॉलजी की ओर रुख करता है। उसके जल्द स्वस्थ होने में मेडिकल लैब टेक्निशन्स की अहम भूमिका होती है। इन्ही ट्रेंड प्रफेशनल्स को मेडिकल लैबरेटरी टेक्नॉलजिस्ट कहा जाता है।
मेडिकल लैब टेक्निशन्स को मेडिकल साइंस के साथ-साथ लैब सुरक्षा नियमों और जरूरतों के बारे में पूरी नॉलेज होती है। मेडिकल लैब टेक्निशन्स, डॉक्टर्स के निर्देश पर काम करते हैं। इन्हें जांच में उपयोग में आने वाली मशीनों के बारे में पूरी जानकारी होती है और कई मामलों में तो ये उपकरणों के रख-रखाव की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हैं। लैबरेटरी में नमूनों की जांच और विश्लेषण में काम आने वाला घोल भी लैब टेक्निशन्स ही बनाते हैं। इन्हें मेडिकल साइंस के साथ-साथ लैब सुरक्षा नियमों और जरूरतों के बारे में पूरी नॉलेज होती है। लैब टेक्निशन्स नमूनों की जांच का काम करते हैं, लेकिन वे इसके परिणामों के विश्लेषण के लिए प्रशिक्षित नहीं होते। नमूनों के परिणामों का विश्लेषण पथॉलजिस्ट या लैब टेक्नॉलजिस्ट ही कर सकता है।
मेडिकल लैब टेक्नॉलजिस्ट में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री व मास्टर्स के दौरान बेसिक फिजियॉलजी, बेसिक बायॉकेमिस्ट्री ऐंड ब्लड बैंकिंग, अनाटमी ऐंड फिजियॉलजी, माइक्रोबायॉलजी, पथॉलजी, इंवायरनमेंट ऐंड बायॉमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, मेडिकल लैबरेटरी टेक्नॉलजी और अस्पताल प्रशिक्षण की पढ़ाई जाती है। इसके बाद ही आप करियर की राह में आगे बढ़ पाते हैं।