इन इत्तिलाआत को खारिज करते हुए कि आर बी आई ने अपनी तवज्जु का मर्कज़ इफ़रात-ए-ज़ेर का इंतेज़ाम करने से मुंतक़िल करके तरक़्क़ी पर मर्कूज़ कर दिया है। आर बी आई ने आज कहा कि बढ़ती हुई क़ीमतों के ख़िलाफ़ जद्द-ओ-जहद अब भी उसकी अव्वलीन तर्जीह है।
बैंक के गवर्नर रग्घू राम राजन ने कहा कि सूद की शरहों में इज़ाफे के बाद महसला मालूमात की बुनियाद पर मज़ीद इक़दामात का ताय्युन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी को भी इस बात पर शक नहीं होना चाहिए कि हमारी ख़ाहिश इफ़रात-ए-ज़ेर के ख़िलाफ़ जद्द-ओ-जहद है और सूद की शरहें इफ़रात-ए-ज़ेर पर क़ाबू पाने का एक अहम हथियार हैं।
उन्होंने कहा कि आर बी आई इफ़रात-ए-ज़ेर और सनअती तरक़्क़ी की मालूमात हासिल होने के बाद सूद की शरहों के बारे में फ़ैसला करेगी वो टी वी चैनल्स को इंटरव्यू दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हम इस बात का मुताला करेंगे कि सूद की शरहों का हमारे इस प्रोग्राम पर क्या असर मुरत्तिब होता है और इसके बाद ही अगले इक़दाम का ताय्युन किया जाएगा।