इफ़रात-ए-ज़र की शरह में कमी के बावजूद महंगाई में इज़ाफ़ा

इफ़रात-ए-ज़र की शरह में लगातार दूसरे माह भी कमी हुई है और जुलाई में ये शरह 9.86 फ़ीसद दर्ज की गई। इस के बावजूद ग्राहकों को कोई राहत नहीं मिली क्योंकि तर्कारीयों की क़ीमतें बदस्तूर बढ़ी हुई हैं।

क़ीमत सारिफ़ीन के आज यहां जारी करदा ईशारीया मैं इन्किशाफ़ किया गया है कि तर्कारीयों की क़ीमतों में 27.33 फ़ीसद की हद तक आज़म तरीन इज़ाफ़ा हुआ है, जिस के बाद ख़ुर्दनी तेलों की क़ीमतों में इज़ाफ़ा हुआ है, जिस की शरह 17.37फ़ीसद है।