इबादतगाह बंद करदेने पर बर्तानवी मुसलमानों को सदमा

एक बर्तानवी यूनीवर्सिटी की तरफ‌ से इस्लामी सैंटर को अचानक बंद कर देने के फैसले ने मुस्लिम स्टुडंटों को परेशानी में डाल दिया हैं क्योंकि वो इस मुक़ाम को रोज़ाना नमाजें पढने के लिए भी इस्तिमाल करते थे ।

इस्लामिक सोसाइटी के मुहम्मद पटेल ने बीबी सी न्यूज़ ऑन लाइन को बताया कि जब मुझे पहली बार पिछ्ले शुक्रवार को इस बाबत‌ मालूम हुआ तो मैं सीधे स्टूडैंट यूनीयन गया ताकि तफ़सीलात मालूम कर सकूं । किसी को भी इस इक़दाम के बारे में मालुम‌ नहीं था और यूनीवर्सिटी की इस्लामिक सोसाइटी में किसी को भी इस बारे में खबर नही दि गइ थी।

यूनीवर्सिटी ओफ़ इस्ट एंगिलियाने इस इस्लामिक सैंटर को बंद कर दिया है जो मुस्लिम स्टूडैंट नमाजें पढने के लिये भी इस्तिमाल किया करते थे । पटेल ने कहा कि ये बहुत हि तकलिफ देने वाला कदम हैं। लेकिन‌ यूनीवर्सिटी हुक्काम ने अपने इक़दाम की मुदाफ़अत करते हुए दलील पेश कि कि इबादतगाह की सहूलत हमेशा से ही आरिज़ी रही है और अब ये इजाज़त ख़त्म हो चुकी है ।

यूनीवर्सिटी के एक प्रो । वाइस चांसलर प्रोफेसर टॉम वार्ड ने कहा कि मैं समझ सकता हूँ कि वो लोग नाख़ुश हैं लेकिन हमारी तरफ़ से कोई नामालुम‌ कार्रवाई नहीं की गई है । ये सैंटर हमेशा ही प्लानिंग परमीशन के ख़त्म पर मुंतक़िल किया जाता रहा है ।

इस कि सहुलतें हमेशा आरिज़ी हुआ करती हैं और हम इस मुद्दत के खत्म‌ पर पहुंच चुके हैं । यूनीवर्सिटी ओफ़ इस्ट एंगिलिया एक पब्लिक रिसर्च यूनीवर्सिटी है जो नारोच , सलतनत मुत्तहदा में क़ायम है ।