हैदराबाद 17 दिसंबर: नामपल्ली क्रीमिनल कोर्ट ने रोज़ाना की आधार पर जारी चंद्रायंगुट्टा हमला केस समाअत के दौरान दूसरे दिन भी सेवानिवृत्त प्रोफेसर फोरेंसिक मेडिसिन पर वकील दिफ़ा ने जरह किया।
डॉ पी हरी कृष्णा ने अदालत को जिरह के दौरान बताया कि महलूक युवा के शरीर पर गोली का घाव देढ़ फीट की दूरी से फायरिंग किए जाने का नतीजा है। इब्राहीम याफ़ई को विधानसभा क्षेत्र मलकपेट के गनमैन जानी मियां ने अपनी सर्विस पिस्तौल से फायरिंग कर के हत्या कर दी थी।
उन्होंने बताया कि मलबूसात देखने पर वो गोली चलाए जाने के फ़ासले का अंदाज़ा लगा सकते थे लेकिन उन्होंने एक जीन्स पॉइंट जिस पर गोली का निशान मौजूद थे, बताए जाने पर उन्होंने ये बताया कि वो इस तस्वीर से ये नहीं बता सकते हैं कि पॉइंट पर निशान गोली लगने या किसी दूसरी वजह से आया होगा।
उन्होंने वकील दिफ़ा के इस बात से सहमत थे कि गोली लगने के नती आने वाले घाव का हिस्सा अक्सर काले और टाईटो जैसा होता है। उन्होंने इस बात का भी स्वीकार किया कि ऐसा घाव होता है जब गोली क़रीबी फ़ासले से की जाती है। डॉ पी हरी कृष्णा ने बताया कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट पहले ड्राफ्ट शक्ल में तैयार की जाती है और बाद में उसे रिपोर्ट की शक्ल में में लिखा जाता है।