इमदाद को इस्तिफ़ादा कुनिन्दा तक रास्त पहुंचाने 1 जनवरी से आग़ाज़

शिवा गंगा (तमिलनाडू), २० नवंबर (पीटीआई) मर्कज़ी वज़ीर मालियात पी चिदम़्बरम ने आज एक अहम बयान देते हुए कहा कि मुल्क में स्कालरशिप्स, सब्सीडीज़ और दीगर माली इमदाद की तक़सीम के तरीका-ए-कार को तबदील किया जाएगा ताकि दरमयानी अफ़राद के रसूख़ को कम किया जा सके और इस बात को यक़ीनी बनाया जाए कि इम्दाद हक़ीक़ी इस्तिफ़ादा कुनिन्दा तक पहुंचे।

उन्होंने कहा कि नए तरीका-ए-कार पर 1 जनवरी 2013 से अमल आवरी होगी। अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि स्कीम के पहले मरहले में इसका इतलाक़ 51 अज़ला में किया जाएगा और हर तीन माह के दौरान अंजाम दिए जाने वाले मराहिल में नए अज़ला का अहाता भी किया जाएगा जबकि तमाम अज़ला के अहाता का काम अंदरून डेढ़ साल मुकम्मल हो जाएगा।

उन्होंने एक बार फिर अपनी बात दुहराते हुए कहा कि स्कीम का ख़ास मक़सद इमदाद को रास्त तौर पर इस्तिफ़ादा कुनुंदा तक पहुंचाना है ताकि दरमयानी आदमीयों का वजूद ख़त्म हो जाए। ज़ईफ़ अलामरी का वज़ीफ़ा, स्कालरशिप्स, महात्मा गांधी रूरल इम्पलाइमेंट ग्यारंटी स्कीम के तहत कम से कम तनख़्वाहें, राशन और एल पी जी के लिए सब्सीडी वग़ैरा इस्तिफ़ादा कुनुन्दगान को रास्त पहुंचाई जाएंगी।

पी चिदम़्बरम सेंटर्ल बैंक आफ़ इंडिया 4119 वीं शाख़ के इफ़्तिताह के मौक़ा पर तर्तीब दी गई एक तक़रीब से ख़िताब कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हुकूमत इस बात की ख़ाहां है कि बैंक्स की शाख़ों को छोटे छोटे मवाज़आत में भी शुरू किया जाएं ताकि हर एक का बैंक एकाउंट हो, सिर्फ़ कौमियाए बैंकों ने ही गुज़श्ता दो सालों में 7500 शाख़ें खोली हैं और इस तरह जारीया साल 63,200 अफ़राद को बैंक मुलाज़मत दिए जाने का निशाना भी पूरा किया जाएगा।