पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि ईशनिंदा करने वाली पीढ़ी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय नीति की अनुपस्थिति मुस्लिम देशों की एक तरह से ‘सामूहिक विफलता’ है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार सीनेट को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि उनकी सरकार संयुक्त राष्ट्र के समक्ष मामला उठाएगी।
उन्होंने कहा, “हालांकि, मुझे नहीं लगता कि इससे ज्यादा कुछ होगा।” डच फ्रीडम पार्टी और संसदीय नेता गीर्ट विल्डर्स द्वारा ईशनिंदा वाले व्यंग्य चित्रों की प्रतियोगिता आयोजित करने को लेकर की गई घोषणा की ओर संयुक्त राष्ट्र का ध्यान दिलाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया। पिछले हफ्ते पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने विल्डर्स की घोषणा के खिलाफ नीदरलैंड्स के उपराजदूत के यहां आपत्ति दर्ज कराया था।
इमरान खान ने कहा, “हमारी सरकार इस मामले को इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) में उठाएगी और मुस्लिम देशों से सामूहिक नीति के साथ आने के लिए कहेगी, जिसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लाया जा सकता है।” उन्होंने कहा, “यह काम वर्षो पहले किया जाना चाहिए था।” इमरान ने कहा, “हमें इस मामले के लिए एक समान नीति की आवश्यकता है, ताकि लोग बार-बार हमारी भावनाओं को आहत नहीं कर सकें।”
18 अगस्त को इमरान खान ने पीएम पद की शपथ ली थी। इसके बाद उन्होंने कई चौकाने वाले फैसले लिए। अभी हाल में ही पाकिस्तान सरकार ने देश भर के हवाईअड्डों पर संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) द्वारा रसूखदार लोगों को दिए जाने वाले वीआईपी प्रोटोकॉल पर रोक लगा दी है।
यह फैसला रविवार को लागू हुआ। गृह मंत्रालय ने एजेंसी की आव्रजन शाखा से जुड़े सभी अधिकारियों को इसे लागू करने का निर्देश दिया था। पाक के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा, “हमने सभी यात्रियों को बिना किसी भेदभाव के समान अवसर प्रदान करने के लिए निर्णय को कड़ाई से लागू करने का फैसला किया है।”