इमरान ख़ान की हिमायत करने पर यू के पी सी आई के टूटने का ख़तरा

लंदन २० नवंबर (एजैंसीज़) लाहौर के जल्सा-ए-आम के पस-ए-मंज़र में इमरान ख़ान की मक़बूलियत में बर्तानिया में भी ग़ैरमामूली इज़ाफ़ा हुआ है और बहुत बड़ी तादाद में सयासी कारकुन मुख़्तलिफ़ जमातों को छोड़कर पाकिस्तान तहिरीक-ए-इंसाफ़, यू के में शामिल होना शुरू होगए हैं जबकि यूके पाकिस्तान चैंबर आफ़ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (यू के पी सी सी आई) ने अचानक इमरान ख़ान की हिमायत में प्रोग्राम तर्तीब दे कर मुख़्तलिफ़ सयासी जमातों से वाबस्ता ताजिरों और पाकिस्तान हाई कमीशन के लिए मसाइल पैदा कर दिए हैं।

इस के नतीजा में यूके पी सी सी आई में टूट फूट का ख़तरा पैदा हो गया है। पाकिस्तान हाई कमीशन बर्तानिया और पाकिस्तान के दरमयान बाहमी तिजारत के फ़रोग़ के लिए यूके पी सी सी आई से तआवुन करता रहा है लेकिन यूके पी सी सी आई की क़ियादत की जानिब से इमरान ख़ान की हिमायत कमीशन के लिए मसला बन गई हैं। यू के पी सी सी आई जिसे बर्तानिया में पाकिस्तान के हाई कमिशनर वाजिद शमस उल-हुस्न की भरपूर हिमायत और मदद हासिल रही हैं। इमरान ख़ान की हिमायत कर रहा हैं।

पाकिस्तान हाई कमीशन ने इस तास्सुर की तरदीद की है कि नवाज़ शरीफ़ के ख़िलाफ़ यूके पी सी सी आई को इस्तिमाल किया जा रहा हैं। यूके पी सी सी आई की जानिब से इमरान ख़ान की खम खुला हिमायत से पाकिस्तानी ताजिरों में शदीद इख़तिलाफ़ात का पैदा होना फ़ित्री है।

क्योंकि यूके पी सी सी आई के अरकान में हर सयासी जमात के लोग शामिल हैं और वो इस फ़ैसले पर ख़ुश नहीं हैं। एक ब्यान में पाकिस्तान हाई कमीशन ने कहा कि अगरचे इस ने बहुत से क़ौमी मुआमलात में यूके पी सी सी आई के प्रोग्रामों में शिरकत की है लेकिन वो यू के पी सी सी आई का हिस्सा नहीं है।

दूसरी जानिब यूके पी सी सी आई के सदर सय्यद क़मर रज़ा ने कहाकि ये दरुस्त है कि तहिरीक-ए-इंसाफ़ की हिमायत में ये प्रोग्राम करने से यूके पी सी सी आई में इंतिशार पैदा होगा क्योंकि इन का तहिरीक-ए-इंसाफ़ से कोई ताल्लुक़ नहीं।