इमाम टीपू सुलतान मस्जिद के फ़तवे पर जमात-ए-इस्लामी का एतराज़

कोलकाता: नोटबंदी के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ फतवा जारी करने वाले कोलकाता के टीपू सुल्तान मस्जिद के इमाम मौलाना नूर रहमान के खिलाफ भाजपा बंगाल पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए गिरफ्तार आरोपियों की मांग है। टीपू सुल्तान मस्जिद के इमाम मौलाना नूर रहमान बरकती ने शनिवार को नोटबंदी की वजह से जनता को मुश्किलों का सामना करने के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा काला करने वाले व्यक्ति को 25 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की थी।

इमाम ने अपने इस बयान को फतवा स्वयं ही शीर्षक देकर पूरे मामले को धार्मिक रंग देने की कोशिश की है खयाल रहे कि मौलाना नूर रहमान बरकती मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी लोगों में गिने जाते हैं। दूसरी ओर कोलकाता शहर के मुस्लिम हलकों में भी टीपू सुल्तान मस्जिद के इमाम के इस फतवे की आलोचना हो रही है।

जमात इस्लामी पश्चिम बंगाल ने इमाम के इस फतवे को अनावश्यक करार देते हुए कहा है कि फतवा शब्द एक विशेष शब्दावली में इस्तेमाल किया जाता है और शरई मामलों में ही प्रश्नकर्ता के सवाल पर कुरान और हदीस की रोशनी में जवाब दिया जाता है। इस लिए देश के मामलों में फतवा शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

जमाते इस्लामी के वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि नरेंद्र मोदी देश के निर्वाचित प्रधानमंत्री हैं। उनकी नीतियों और प्रक्रियाओं का विरोध हम सब का लोकतांत्रिक अधिकार है मगर भारतीय प्रधानमंत्री के चेहरे पर स्याही लगाने वालों को पुरस्कार देने की घोषणा करना गैर जिम्मेदाराना हरकत है और ध्रुवीकरण की राजनीति करने वालों को बल पहुंचेगी।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि यह सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी का अपमान नहीं बल्कि देश की जनता का अपमान है। हम बरकती के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे भाजपा के प्रदेश सचिव रितेश तिवारी ने जोड़ा सानको पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। तीवारी ने कहा कि हम ने जोड़ा सानको पुलिस प्रशासन से कहा कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करे।

भाजपा के महासचिव सधारत नाथ सिंह जो बंगाल भाजपा के प्रभारी भी हैं ने कहा कि हम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ फतवा जारी करने वाले मौलाना को गिरफ्तार किया जाए। गौरतलब है कि 2016 में भी मोलाना बरकती ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ अवमानना ​​बयान‌ देने वाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ फतवा जारी किया था पर भी विवाद खड़ा हो गया है और अब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ फतवा जारी किया है।