एमन्सिटी इंटरनेशनल ने आज मर्कज़ पर ज़ोर दिया कि वो मौजूदा बोहरान जैसी सूरत-ए-हाल से गुरेज़ केलिए सख़्त इमीग्रेशन क़वानीन बनाए।वीज़ा धोका दही की तहक़ीक़ाती रिपोर्ट और सऊदी अरब में हिन्दुस्तानी तारकीन-ए-वतन को दरपेश मुबय्यना इंसानी हुक़ूक़ की ख़िलाफ़ वरज़ीयों की रिपोर्ट की एक नक़ल जारी करते हुए एमन्सिटी इंटरनेशनल ने कहा कि हिन्दुस्तानी नर्सें का तख़लिया पहले ही करवाया जाना चाहिए था क्योंकि उन्हें बरवक़्त तनख़्वाहें अदा नहीं की गई हैं।
हिन्दुस्तान में एमन्सिटी इंटरनेशनल के सी ई ओ जी अनंत पद्मनाभन और डिप्टी सी ई ओ शशी कुमार वेलात ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि इत्तेला के बमूजब कई नर्सों को गुज़िशता चंद माह से तनख़्वाहें अदा नहीं की गई हैं। अगर उन्हें बरवक़्त तनख़्वाहें अदा की जाती तो वो मुल्क का तख़लिया करने पर बहुत पहले आमादगी ज़ाहिर करचुकी है और मौजूदा सूरत-ए-हाल से गुरेज़ मुम्किन था।
उन्होंने कहा कि इराक़ के हालिया वाक़ियात हिन्दुस्तानी तारकीन-ए-वतन को बैरूनी ममालिक में लाहक़ ख़तरात की याददेहानी की है। उन्हों ने कहा कि मर्कज़ी हुकूमत को मुलाज़मत की तमानीयत और दीगर हालात कार पर तवज्जे मर्कूज़ करनी चाहिए जो बैरून-ए-मुल्क मुलाज़िम तारकीन-ए-वतन हिन्दुस्तानियों के हैं।