इम्तिहान के दौरान रोज़ा न रखने की सलाह

इंग्लैंड में कुछ मुस्लिम स्टूडेंट्स इस बात को लेकर परेशान है कि रमज़ान के दौरान रोज़ा रखने से परीक्षा में उनके कम नंबर आ सकते हैं.
शिक्षक संघों ने भी रमज़ान के दिनों में परीक्षा रखने पर फ़िक़्र ज़ाहिर की है.इसलिए धार्मिक और अकादमिक समुदाय का कहना है कि जिन छात्रों को मुश्किल हो रही है, वो हर दिन रोज़ा न रखें.
कुछ छात्रों के लिए आस्था और अपनी पढ़ाई के बीच एक को चुनना मुश्किल है. लेकिन जिन छात्रों ने रोज़ा नहीं रखने का फ़ैसला लिया है वे परीक्षा के बाद उपवास रखेंगे.
ज़ैनब और आयशा इंग्लैंड के उत्तर-पश्चिम में स्थित लंकशर काउंटी के नेलसन में रहते हैं. वे परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं.
वे अक्सर पूरे महीने रोज़े रखते हैं. लेकिन ज़ैनब का कहना है कि वे इस साल सभी रोज़े नहीं रख पाएंगी.
ज़ैनब कहती हैं, “मैं रोज़ा नहीं रख पाऊंगी, इस बात से काफी दुखी हूं. लेकिन फिर मैंने सोचा कि मैं सिर्फ़ परीक्षा वाले दिन ही रोज़ा नहीं रख पाऊंगी, बाक़ी दिनों में तो मैं रोज़ा रख सकती हूं.”
ज़ैनब
एसोसिएशन ऑफ स्कूल एंड कॉलेज लीडर्स ने कहा कि इस साल अगर आपको लगता है कि रोज़ा रखने से बच्चों की परीक्षा पर असर पड़ेगा तो मुस्लिम छात्रों से यह कहना चाहिए कि इस्लाम उन्हें अपने भविष्य को ख़तरे में डालने के लिए नहीं कहता है.
ज़ैनब के लिए आसान फ़ैसला नहीं था लेकिन उनके परिवार ने उनका पूरा साथ दिया.
कमल हानी अपने स्कूल में हेड टीचर हैं. उनके स्कूल में ज्यादातर बच्चे मुस्लिम हैं.
एसोसिएशन ऑफ स्कूल एंड कॉलेज लीडर्स ने उनसे भी संपर्क किया और छात्रों और उनके माता-पिता से बात करने के लिए कहा.

सोर्स : बीबीसी हिंदी