इराक़ भी छोड़ सकता है ओपेक, सऊदी अरब के बाद सबसे बड़ा तेल का है निर्यातक!

बार्कलेज़ बैंक में ऊर्जा बाज़ार अनुसंधान के प्रमुख माइकल कोहेन का कहना है कि तेल निर्यात देशों के संगठन ओपेक से क़तर के निकलने के बाद, इराक़ इस संगंठन से निकलने वाला दूसरा देश होगा।

कोहेन के अनुसार, ओपेक के सदस्य देशों के बीच पिछले आठ से छह महीनों के दौरान इराक़ केवल एक ऐसा देश है जो सबसे अलग खड़ा है। इराक़ अपने लक्ष्य के कारण पंक्ति से अलग खड़ा है, ओपेक की ओर से उस पर अगर तेल उत्पादन में कटौती का दबाव डाला जाता है तो बग़दाद इस संगठन से निकलने में अपनी भलाई समझेगा।

ओपेक के 15 सदस्य देशों में सऊदी अरब के बाद इराक़ सबसे अधिक तेल उत्पादन करने वाला देश है। इराक़ का 90 प्रतिशत से अधिक राजस्व तेल निर्यात से ही हासिल होता है।

इराक़ ने अक्तूबर में प्रतिदिन 47 लाख 60 हज़ार बैरल तेल का उत्पादन किया था और वह लगातार इसमें वृद्धि कर रहा है। सऊदी तेल मंत्री ख़ालिद अल-फ़लीह की पिछले दिनों बग़दाद यात्रा की ओर संकेत करते हुए कोहेन ने कहा, निश्चित रूप से अपनी शर्तों पर इराक़ को निंयत्रित करना मुश्किल है।

इराक़ के नए तेल मंत्री ने अक्तूबर में कहा था, हम अपने देश की 3 करोड़ 80 लाख जनता की ज़रूरतों के मद्देनज़र अधिक तेल निर्यात को प्राथमिकता देंगे। अगले सात वर्षों में इराक़ की राष्ट्रीय बसरा ऑयल रिफ़ायनरी ने प्रतिदिन 32 लाख बैरल तेल के उत्पादन को बढ़ाकर 50 लाख बैरल करने का लक्ष्य रखा है।

इराक़ी अधिकारियों के अनुमान के मुताबिक़, आतंकवाद के ख़िलाफ़ युद्ध में सफलता के बाद अब देश के पुनर्निमाण के लिए 100 अरब डॉलर की ज़रूरत है।

साभार- ‘parstoday.com’