इराक़ में अलक़ायदा इंतिहा पसंदों (जंगजूओं) को सज़ाए मौत

एक इराक़ी अदालत ने अलक़ायदा फ्रंट ग्रुप इस्लामिक स्टेट आफ़ इराक़ के तीन मुबय्यना (कथित) अरकान (सदस्य ) को गुज़िश्ता साल के इख़तताम पर इराक़ी पार्लियामेंट की इमारत के नज़दीक बम धमाकों में मुलव्विस होने के इल्ज़ाम में सज़ाए मौत सुना दी है ।

सुप्रीम जूडीशल कौंसिल का कहना है कि कारिख में फ़ौजदारी अदालत ने तीन अफ़राद को फांसी पर लटकाने की सज़ा सुनाई है 8 नवंबर 2011 को होने वाला ये हमला जिस में एक खुदकुश हमला आवर ने धमाका ख़ेज़ (विस्फोटक ) से भरी अपनी गाड़ी को धमाके से उड़ा दिया था , इस में कम-अज़-कम एक शख़्स हलाक और दो जख्मी हुए थे।

ब्यान के मुताबिक़ मुल्ज़िमान का ताल्लुक़ नाम निहाद इस्लामी स्टेट आफ़ इराक़ से है जो कि अलक़ायदा दहश्तगर्द तंज़ीम की इराक़ में एक शाख़ है । इस्लामी स्टेट आफ़ इराक़(आई एस आई) ने जनवरी में इस बम धमाके की ज़िम्मेदारी क़बूल करते हुए कहा था कि इस का हदफ़ वज़ीर-ए-आज़म (प्रधान मंत्री) नूरी अल मालिकी और अराकीन पार्लियामेंट थे।