एक पले गराउनड के क़रीब बमबारी और शोरिश पसंदों के दीगर(दूसरे) हमलों की वजह से कम अज़ कम 18 अफ़राद बशमोल कई बच्चे हलाक होगए। हुकूमत की इस्तिहकाम के एहसास पैदा करने की कोशिशों को इन हलाकतों से सख़्त धक्का पहुंचा,
क्योंकि हुकूमत हमलों को रोकने की जान तोड़ कोशिश कर रही है। ईद-उल-अज़हा की तातीलात के दौरान इन हमलों से इराक़ की क़ियादत को इंतिहाई मुश्किलात का सामना करना पड़ा क्योंकि वो शहरीयों को महफ़ूज़ रखने की सख़्त जद्द-ओ-जहद में मसरूफ़ है।
ओहदेदारों ने कहा कि वो हमला आवरों को रोकने के लिए हिफ़ाज़ती इंतिज़ामात में शिद्दत पैदा करचुके थे ताकि ईद-उल-अज़हा की तातीलात में ऐसा कोई नाख़ुशगवार वाक़िया पेश ना आए।
ओहदेदारों ने कहा कि वो कई निगरान चौकियां क़ायम करते हुए हिफ़ाज़ती इंतिज़ामात में शिद्दत पैदा करदेंगे।
चंद शाहराहों की नाका बंदी की जाएगी और पुलिस-ओ-नियम फ़ौजी अरकान अमला की मज़ीद (अधिक) तादाद ताय्युनात की जाएगी।