इराकी एयरबेस पर दहशतगर्दाना हमला, बगदाद पहुंची अमेरिकी फौजी टीम

आईएसआईएस के दहशतगर्दों ने बुध के रोज़ इराक के सबसे बडे एयरबेस पर हमला किया। हमला उस वक्त हुआ है जब सेक्युरिटी फोर्स का ज़ायज़ा लेने के लिए अमेरिका ने एक टीम भेजी है।

टीम यह फैसला करेगी कि इंतेहापसंदो से मुकाबले में इराकी सेक्युरिटी फोर्स की कैसे मदद की जाए। इराक भेजे जाने वाले 300 अमेरिकी फौजी सलाहकारों में से तकरीबन आधे लोग और खुसूसी मुहिम बलअब बगदाद में है। इंतेहा पसंदो ने कैम्प एनाकोंडा नामी एयरबेस को घेर लिया और मोर्टारों से हमला किया। यह एयरबेस पहले अमेरिका के कब्जे में था।

ऐनी शाहिदीनो के मुताबिक इंतेहापसंदो ने एयरबेस को तीन तरफ से घेर रखा है। म्युन्सिपालिटी के नायब चीफ और ऐनी शाहिदीन ने बताया कि बुध के रोज़ शहर याथरिब में इराकी सेक्युरिटी फोर्स और आईएसआईएस के इंतेहापसंदो की भिडंत हुई।

इसमें चार इंतेपसंद मारे गए। इराक से अमेरिकी फौज की वापसी के बाद तंज़ीम आईएसआईएस पूरे इराक पर कब्जा करना चाहता है। आईएसआईएस ने इराक की दारुल हुकूमत बगदाद को छोडकर सभी अहम शहरों पर कब्जा कर लिया है। इस बीच, अमेरिका ने इस बोहरान से घिरे हुए मुल्क की मदद बढा दी है और बगदाद भेजे गए इन लोगों ने सुन्नी इंतेहापसंदो के खिलाफ जंग में इराकी फोर्स के हालात का जायज़ा लेना शुरू कर दिया है।

इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट के खिलाफ अमेरिकी फौजी कार्रवाई को सुगम बनाने के लिए कैपिटल हिल में ओबामा इंतेज़ामिया के सीनीयर ओहदेदारों के साथ मुनाकिद बैठक से बाहर आए सीनेटरों ने उम्मीद जताई कि इराक जल्द ही एक नई हुकूमत बना सकता है।

मुम्किन है कि ऐसा अगले ही हफ्ते हो जाए। पेंटागन में बहरिया ( नेवी) के रियर एडमिरल जॉन किर्बी ने कल नामानिगारो को बताया कि बगदाद में अक्वाम मुहिम को शुरू करने के लिए खुसूसी फोर्स की दो टीम, तकरीबन 90 सलाहकार, खुफिया तजजियाकार , कमांडो और साथी मुलाज़िम शामिल हैं।

खुसूसी फोर्स के दिगर चार टीम अगले कुछ दिनों में पहुंच जाएंगे। बगदाद वाके सिफारतखाने के अंदर और आसपास मौजूद अमेरिकी फोर्स के तकरीबन 360 फौजियों की तादाद में इज़ाफा हो जाने के बाद अब इराक में अमेरिकी फौज की मौजूदगी तकरीबन 560 हो गई है।

किर्बी ने यह भी कहा कि अमेरिका इराक पर रोजाना तकरीबन 35 निगरानी मुहिम चला रहा है ताकि तेजी से बढते दहशतगर्द और इराकी फौजियों के बीच चल रहे जंग की जमीनी हकीकत के बारे में खुफिया मालूमात फराहम कारई जा सके।

सदर ओबामा ने गुजश्ता हफ्ते ऐलान किया था कि इराकी सेक्युरिटी फोर्स का जायज़ा करने और उन्हें सलाह देने के लिए वह तकरीबन 300 सलाहकार भेजेगा।

इस मुहिम के तहत बगदाद और शुमाली इलाके में एक‍एक ज्वाइंट आप्रेशन सेंटर (Joint operations center) कायम किया जाना है। इस टीम के ज़्यादातर मेम्बर आर्मी ग्रीन बेरेट्स हैं, जो कि इराकी फौजियों और उनके सीनीयर कामांडर हेडक़्वार्टर की तैयारी का जायज़ा करेंगे। इससे वे यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि किस तरह अमेरिका सेक्युरिटी फोर्स को मजबूत कर सकता है और कहां इज़ाफी सलाहकारों की जरूरत पड सकती है।

किर्बी ने कहा कि टीम की ओर से शुरूआती जायज़ा को अगले दो या तीन हफ्ते में पूरा किया जा सकता है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी फौजियों की इराक में मौजूदगी के लिए कोई मुद्दत तय नहीं है। मेरे पास आपको बताने के लिए कोई मुद्दत या आखिरी तारीख नहीं है, लेकिन यह बिल्कुल साफ है कि यह महदूद होगा। यह एक थोड़े दिनो के लिये मुहिम होगी।

उन्होंने कहा कि इंतेहापसंद बेहद मुनज़्ज़म है और इसे गैर मुल्की लडाकों और मुल्क में मौजूद सुन्नी हामियों से मदद हासिल है।

आपको बता दें कि अमेरिका के वज़ीर ए खारेजा जॉन केरी ने मंगल के रोज़ खुदमुख्तार कुर्दिश इलाके के लीडरों से बगदाद के साथ खडे होने की अपील की थी। यूएन के मुताबिक पिछले तीन हफ्ते में तकरीबन 1000 लोग मारे जा चुके हैं। इनमें ज्यादातर इराक के आम शहरी हैं। यूएन ने आंकडों को कम बताया है।