इराक बोहरान खत्म होने के अभी आसार नहीं दिख रहे हैं । अगवा हुए हिंदुस्तानी कामगारों का अभी वापस लौटना मुम्किन नहीं हो रहा लेकिन मरकज़ी हुकूमत ने जुमे के रोज़ बताया कि इराक से 16 हिंदुस्तानियों को बाहर निकाल लिया गया है।
वज़ारत ए खारेजा ने कहा कि तशद्दुद ज़दा इलाके बैइजी से आठ हिंदुस्तानी और अनबार सूबे से आठ हिंदुस्तानियों को वापस बुला लिया गया है। वज़ारत ए खारेजा के तर्जुमान ने कहा कि मुतास्सिर इलाकों में फंसे 120 हिंदुस्तानियों में से अभी तक 16 हिंदुस्तान रवाना हो चुके हैं।
तंज़ीम इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत (आईएसआईएल) के हमलावरों ने इराक में वाशिंगटन की पहले ही नुकसान का सामना कर चुकी सेक्युरिटी के मुताल्लिक विरासत को और खतरा पहुंचाने की धमकी दी है। ओबामा ने जुमेरात को कहा था कि हमें जब लगेगा कि जमीनी हालात इस तरह के बन चुके हैं तो हम आगे बढकर फौजी कार्रवाई के लिए तैयार रहेंगे। हालांकि अमेरिका ने हवाई हमले करने के इराक की गुजारिश पर अभी अमल नहीं किया है और इस बाबत ईरान ने अमेरिका की मुज़म्मत की है।
उधर इराक के वज़ीर ए आज़म नूरी अल मलिकी को जुमे के रोज़ को सुन्नी अरब अक्लियती तब्के को मनाने में उनकी शिया कियादत की हुकूमत की नाकामी पर तीखी तन्कीद का सामना करना पडा। शुमाली शहर ताल अफार के लिए जंग जुमे के रोज़ छठे दिन भी जारी रहा।
चश्मदीदों के मुताबिक सेक्युरिटी फोर्स और अस्करियत पसंदो के बीच जंग हुई । शिया अस्करियत ताल अफार सीरिया जाने वाले स्ट्रेटेजिक कॉरिडोर पर पडता है। इराक के एक जंगी जहाज के ड्राइवर टीम के मेम्बर ने धुलुइया शहर में जुमे की सुबह पुलिस के एक गश्ती टीम को गलती से अस्करियत पसंदो का गुट समझ लिया और गोलीबारी शुरू कर दी जिसमें एक खातून की मौत हो गयी।
इराक में शिया फिर्के के मज़हबी रहनुमा आयतुल्ला अली अल-सिस्तानी ने इंतेबाह दिया कि हमले करने वाले जिहादियों से निपटने के लिए वक्त निकला जा रहा है। सुन्नी अरब अस्करियत पसंदो ने शुमाली और शुमाली मशरिकी इराक के बडे हिस्से पर कब्जा कर लिया है। अमेरिकी सदर बराक ओबामा ने वज़्क्शीर ए आज़म नूरी अल-मलिकी और उनके शिया अक्सरियत मुल्क ईरान को आगाह किया कि जातीय टकराव को बढाने से मुसीबत के हालात बन जाएंगे।
ईरान ने पलटवार करते हुए कहा कि ओबामा ने अस्करियत पसंदो के खिलाफ अमेरिकी हवाई हमलों की बगदाद की गुहार को अनसुना करके दहशतगर्द से लडने में संजीदा खाहिश की कमी दिखायी है।
नायब वज़ीर ए खारेजा हुसैन आमिर अब्दुल्लाइयान ने कहा कि ओबामा के बयान दिखाते हैं कि इराक और इलाके में दहशतगर्द से निपटने में व्हाइट हाउस संजीदा नहीं है। आली मजहबी रहनुमा सिस्तानी ने इराकियों को ऐलान किया कि जिहादियों के खिलाफ वक्त निकलने से पहले एकजुट हो जाएं।
सिस्तानी के तर्जुमान ने उनके हवाले से कहा कि अगर आईएसआईएल को इराक से नहीं खदेडा जाता तो कल सभी को इसका मलाल होगा जब इसका कोई मतलब नहीं रह जाएगा। एक सीनीयर आफीसर ने एएफपी को बताया कि इराक को अमेरिका की मदद की जरूरत है।
फौज के एक लेफ्टिनेंट जनरल ने नाम नहीं जाहिर होने की शर्त पर कहा कि हमें दहशतगर्दी को रोकने और इसे नेस्तानाबूद करने के लिए अमेरिकी मदद की जरूरत है।
खासतौर पर कुछ ठिकानों पर हवाई हमलों के ज़रिये से ऐसी मदद की दरकार है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की वसी सलाहियतो के साथ लडने की ताकत में और जवानों के हौसला अफ्ज़ाई में बढोतरी होगी। ओबामा ने कल इस बात पर जोर दिया था कि अमेरिकी जवान इराक फिर से नहीं जाएंगे जहां वाशिंगटन ने करीब नौ साल तक जंग लडी और 2011 के आखिर में इसे खत्म किया।
ओबामा ने कहा कि अमेरिकी फोर्स इराक में मुकाबले के लिए नहीं लौटेंगे। लेकिन हम इराकियों की मदद करेंगे ताकि वे इराकी आवाम , इलाके और अमेरिकी मुफाद को खतरे में डालने वाले दहशतगर्दो से लड सकें। वाशिंगटन ने पहले ही खाडी मुल्क में एक Aircraft carrier तैनात किया है और दहशतगर्दों के खिलाफ ड्रोन हमलों के बारे में गौर कर रहा है। फौजी आफीसरों ने इस बात की तस्दीक की कि अमेरिकी फोर्स इराक के उपर पहले ही एफ१8 जंगी तैय्यारो और Unmanned reconnaissance aircraft को उडा रहे हैं।
इराक में अब यह सवाल खडा हो गया है कि 30 अप्रैल के आम इंतेखाबात के बाद दोबारा वज़ीर ए आज़म बनने की कोशिश कर रहे मलिकी ओहदा पर बने रहेंगे या नहीं। अमेरिकी नायबसदर जो बाइडेन, वज़ीर ए दिफा चक हैगल, ज्वाइंट चीफ के चीफ जनरल मार्टिन डेंपसी और इराक में साबिक आली अमेरिकी कमांडर डेविड पैट्रायस ने मलिकी से और ज़्यादा बशमूल रूख इख्तेयार करने को कहा है।