इरान के तेल पर इन्हिसार कम करने पर हिंदूस्तान की सताइश(तारिफ)

* दहश्तगर्दी के ख़िलाफ़ मज़ीद(बडे पैमाने पर) इक़दामात करने पाकिस्तान से मुतालिबा, हाफ़िज़ सइद मुंबई हमला का असल साज़िशी
* हिलारी क्लिन्टन और एस एम कृष्णा की मुशतर्का(मिली जुली) प्रेस कान्फ़्रैंस , ख़लीज में हिंदूस्तान के कलीदी मुफ़ादात(अहम फाइदें)
नई दिल्ली अमेरीकी सेक्रेटरी आफ़ स्टेट हिलारी क्लिन्टन ने इरान के तेल पर इन्हिसार कम करने के लिए हिंदूस्तान के इक़दामात की सताइश(तारीफ) की। साथ ही उन्हों ने तस्लीम(कबूल) किया कि नई दिल्ली के लिए ये एक सख़्त फैसला है।

उन्हों ने सी एन एन को दीए गए इंटरव्यू में कहा कि हिंदूस्तान की रिफ़ाईनरीज़ ने इरान से तेल की खरीदारी रोक दी है। यक़ीनन हिंदूस्तान ने मुस्बत इक़दामात किए।

अमेरीकी वज़ीर-ए-ख़ारजा(प्रदेश मंत्री) हीलारी क्लिन्टन ने पाकिस्तान पर आज ज़ोर दिया कि वो इस बात को यक़ीनी बनाने के लिए मज़ीद इक़दामात करे कि दहश्तगर्द ग्रुपस उस की ज़मीन को हमलों की तैयारी के मुक़ाम(ठीकाने) के तौर पर इस्तिमाल ना कर सकें। मिसिज़ क्लिन्टन ने ये भी कहा कि 2008 में मुंबई पर हुए दहश्तगर्द हमलों के असल साज़िशियों(गुनाहगारों) में हाफ़िज़ सईद भी शामिल है।

मिसिज़ हीलारी क्लिन्टन ने वज़ीर-ए-ख़ारजा(प्रदेश मंत्री) एस एम कृष्णा के साथ यहां एक मुशतर्का(मिली जुली) प्रैस कान्फ़्रैंस से ख़िताब(बात चित) के दौरान ये तब्सरा किया(अप्ने ख्याल को जाहिर किया)।

मिस्टर कृष्णा ने पड़ोसी मुल्क में दहश्तगरदों की महफ़ूज़ पनाह गाहों के मुकम्मल ख़ात्मा(जड से खत्म करने) की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। मिस्टर कृष्णा और मिसिज़ क्लिन्टन ने पाकिस्तान से इसरार किया कि मुंबई हमले के साज़िशियों को इंसाफ़ के कठरे में खड़ा किया जाये और ये अह्द किया कि दहश्तगर्दी की लानत(फीट्कार) की सरकोबी(खत्म करने) के लिए मुश्तर्क(मील जुल कर) जद्द-ओ-जहद जारी रखी(कोशीशें की) जाएगी।

मिस्टर कृष्णा और मिसिज़ क्लिन्टन ने अपनी बातचीत के दौरान मुंबई हमला, पाकिस्तान, अफ़्ग़ान, ईरान न्यूक्लियर प्रोग्राम से अमेरीका के साथ पैदा शूदा बोहरान(पैदा होने वाले मस्लें) जैसे मुख़्तलिफ़ मसाइल पर तबादला-ए-ख़्याल(अप्ने वीचारों कोंजाहिर) किया और तवक़्क़ो ज़ाहिर(उम्मीद) की गई कि हिंदूस्तान में ईरान से तेल की दरआमदात(खरीदारी) में कमी के लिए जारी पेशरफ़त (होरही कोशीशें)जारी रहेगी।

मिसिज़ हीलारी क्लिन्टन ने कहा कि पुरतशद्दुद इंतिहापसंदी एक एसी चीज़ है जिस की सरकोबी(खत्म करने) से हम सब इत्तिफ़ाक़ करेंगे। पाकिस्तान को चाहीए कि वो इस बात को यक़ीनी बनाने के लिए मज़ीद इक़दामात करे कि दहश्तगर्द ग्रुपस अंदरून या बैरून-ए-मुल्क हमलों की तैयारी के लिए उस की ज़मीन को इस्तिमाल ना कर सकें। सब से ज़्यादा बद बख्ता ना अमर(बूरी बात) तो ये है कि इन हमलों ने ख़ुद 30 हज़ार पाकिस्तानीयों की जान ले ली है। इस ज़िम्न(सील्सीले) में मिसिज़ क्लिन्टन ने दुनिया भर में दहश्तगर्दी की सरकोबी(खत्म करने) के लिए हुकूमतों की तरफ़ से मज़ीद ठोस और मज्बूत इक़दामात करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

हाफ़िज़ सईद से मुताल्लिक़ एक सवाल पर अमेरीका की आला तरीन(बडी) सिफ़ारत कार ने जवाब दिया कि इन के मूल्कों के पास इस बात पर यक़ीन करने की जायज़ वजह है कि 166 अफ़राद की जान लेने वाले मुंबई हमले के असल साज़िशियों में हाफ़िज़ सईद भी शामिल है।

मिस्टर कृष्णा ने इस्तिदलाल(दलील) पेश किया कि ईरान का मस्ला तवानाई की तिजारत से कहीं ज़्यादा अहम है। ख़लीजी इलाक़ा में हिंदूस्तान के कलीदी मुफ़ादात(अहम फाइदें) हैं क्योंकि ख़लीजी अरब ममालिक में छः करोड़ हिंदूस्तानी मुक़ीम और बरसर-ए-कार ख़िदमत(काम कर रहे) हैं।

मिस्टर कृष्णा ने मज़ीद कहा कि ख़लीजी इलाक़ा के साथ हमारे मज्हबी-ओ-सक़ाफ़्ती ताल्लुक़ात हैं। चुनांचे हमारी ख़ाहिश है कि एसे तमाम मसाइल मुज़ाकरात के ज़रीया पुरअमन तौर पर(सूकुन के साथ) हल होजाएं।

इस मस्ला पर हिंदूस्तान का मौक़िफ़ वाज़िह और ग़ैर मुतज़लज़ल(रवैया वाजिह ओर ठोस) है। वज़ीर-ए-ख़ारजा ने मज़ीद(ओर) कहा कि तेल की दरआमदात(खरीदारी) पर हिंदूस्तान का इन्हिसार है और इस की तलब में सालाना 10 मील्यन टन का इज़ाफ़ा होरहा(बढोतरी हो रहि) है। ईरान हमारे तेल का एक अहम ज़रीया है जिस से ये झलक मिल्ती है कि तिजारती, मालीयाती और टेक्नीकी वजूहात की बुनियाद पर ये फ़ैसला किया गया है।

मिस्टर कृष्णा ने कहा कि ईरान के ख़िलाफ़ अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की सलामती कौंसल के फ़ैसले पर हिंदूस्तान का मौक़िफ़ भी यही है और हमारा मौक़िफ़ हिंद । अमेरीकी ताल्लुक़ात में रंजिश-ओ-इख़तिलाफ़ का ज़रीया नहीं बन सकता। ईरान के बारे में मिसिज़ क्लिन्टन ने कहा कि ईरान को न्यूक्लियर असलिहा(हथीयार) के हुसूल से रोकने के लिए की जाने वाली वसी तर बैन-उल-अक़वामी मसाई(दुनिया भर मे होने वाली कोशीशों) में हिंदूस्तान को अमरीका अपने एक अहम साझेदार(भागीदार) की नज़र से देखता है ।