इरान से बाहमी तआवुन (आपसी मदद)में इज़ाफ़ा की उमीद

आमिर अली ख़ान – गैर जानिबदार तहरीक नाम की सोलहवीं चोटी कान्फ़्रैंस से क़ब्ल वज़ीरख़ारिजा एस एम कृष्णा ने कहा कि हिंदूस्तान को उमीद है कि इरान के साथ बाहमी तआवुन (आपसी मदद)खास तौर पर मआशी (आर्थिक) शोबा में फ़रोग़ पाएगा।

इन का तबसरा इस हक़ीक़त के बावजूद मंज़रे आम पर आया है कि अमरीका की जानिब से हिंदूस्तान पर दबाओ डाला जा रहा है कि वो इरान के साथ अपने रवाबित कम करे जो मग़रिबी ममालिक की तहदीदात(पाबंदी) का सामना करना है।

एस एम कृष्णा ने कल अख़बारी नुमाइंदों से कहा कि हिंदूस्तान जो गैर जानिबदार तहरीक का बानी रुकन है, समझता है कि तहरीक के रुकन ममालिक के दरमियान रवाबित में इज़ाफ़ा करना ज़रूरी है। वो तेहरान के महराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अपनी आमद के फ़ौरी बाद प्रेस कान्फ़्रैंस से ख़िताब कर रहे थे।

अमरीका और बाअज़ दीगर मग़रिबी ममालिक की तहदीदात(पाबंदी) की बिना पर इरान से इस की ख़ाम तेल की तिजारत बुरी तरह मुतास्सिर हुई है। हालाँकि हिंदूस्तान अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की आइद करदा तहदीदात( पाबंदी) के सिवाए किसी और की तहदीदात(पाबंदी) तस्लीम नहीं करता,

लेकिन मआशी तहदीदात (पाबंदी) से इरान को हिंदूस्तान की अदायगीयाँ भी मुतास्सिर हुई हैं। बड़ी इंशोरंस कंपनियों ने भी इरान से रवाना होने वाले तेल बर्दार जहाज़ों को बीमा करने से इनकार कर दिया है जिस की वजह से इरान से ख़ाम तेल की दरआमद (निर्यात) करने वाले ममालिक मुतास्सिर होरहे हैं जिन्हें इरानी तेल बर्दार जहाज़ों को सुबू ताज का निशाना बनाने का अंदेशा है।