इराक़ी क़ैदख़ाना के क़ाफ़िला पर हमला, 60 अफ़राद हलाक

बग़दाद के शुमाल में क़ैदीयों को मुंतक़िल करने वाले एक क़ाफ़िला पर हमला से कम अज़ कम 60 अफ़राद हलाक हो गए जबकि सियासतदानों और सिफ़ारतकारों ने गुज़िश्ता कई बरसों के दौरान इराक़ के बदतरीन बोहरान को ख़त्म करने की कोशिशों में शिद्दत पैदा करदी है।

हलाक होने वाले बेशतर अफ़राद क़ैदी थे जिन के साथ सहाफी अमला पर हमला किया गया। पुलिस के बामूजिब ये दहश्तगर्दी के मुल्ज़िम अस्करीयत पसंद थे।

दारुल हुकूमत के मुतसिला इलाक़ा ताजी में हमला के दौरान धमाके सुनाई दिए। अक़वामे मुत्तहिदा के मोतमिद उमूमी बांकी मून आज अपने मशरिक़ वुस्ता के दौरा के मौक़ा पर अचानक इराक़ भी पहूंच गए।

फ़ौज के ज़राए के बामूजिब क़ैदीयों को एहतियाती इक़दाम के तौर पर मुंतक़िल किया जा रहा था क्यों कि कल ताजी के क़ैदख़ाना पर मार्टर हमले किए गए थे। हमला के बिलकुल दरुस्त हालात फ़ौरी तौर पर वाज़ेह नहीं हो सके और ना ये मालूम हो सका कि कितने हमला आवर हलाक हुए और कितने क़ैदी हलाक हुए हैं।

बांकी मून ने कहा कि इराक़ को एक हक़ीक़ी सब को साथ लेकर चलने वाली हुकूमत की ज़रूरत है ताकि इराक़ को नस्ली और फ़िर्कावाराना बुनियादों पर टुकड़े टुकड़े होने के ख़तरा से बचाया जा सके। जबकि नूरी अल मालिकी ने कहा कि इराक़ को मौजूदा ख़तरा से बचाने के लिए ऐसी ही हुकूमत की ज़रूरत है।