इराक़ में सिलसिला वार 11 बम धमाके, 60 हलाक

बग़दाद २३ दिसम्बर: (ए एफ़ पी) बग़दाद में हमलों की ताज़ा लहर में कम अज़ कम 40 अफ़राद हलाक हुए जबकि इराक़ को सयासी बोहरान का सामना ही। इस के नायब सदर पर इल्ज़ाम है कि वो मौत के दस्तों की निगरानी कर रहे हैं।

वज़ीर-ए-आज़म ने ख़बरदार किया है कि वो इक़तिदार के हिस्सादारी को ख़तम कर सकते हैं। बज़ाहिर इन धमाकों में ज़ख़मी होने वालों की तादाद तक़रीबन 190बताई जा रही है जहां पहला बड़ा तशद्दुद उस वक़्त भड़क उठा जब सयासी बोहरान ने मलिक के सयासी मुस्तक़बिल को ख़तरात से दो-चार कर दिया है। इराक़ से अमरीकी अफ़्वाज की मुकम्मल वापसी के चंद दिनों बाद ही गिरोह वारी कशीदगी में भी इज़ाफ़ा हुआ है।

आज के ख़ूनी अबतर हमले ज़ाइद अज़ चार माह के वक़फ़ा के बाद हुए हैं जो बड़े पैमाना पर सुबह के मसरूफ़ औक़ात में किए गये। धमाकों के फ़ौरी बाद मुक़ामात का सैक्योरिटी फोर्सेस ने मुहासिरा कर लिया है। इराक़ी हेलीकॉप्टरों को इस मुक़ाम पर गशत लगाते हुए देखा गया। हंगामी ख़िदमात की मोटर गाड़ियां भी हमलों के मुक़ाम पर पहूंच गई हैं।

चेक प्वाईंटस पर सैक्योरिटी सख़्त कर दी गई जिस की वजह से पहले ही से ट्रैफ़िक जाम की सूरत-ए-हाल से मुतास्सिर बग़दाद में ट्रैफ़िक का मसला पैदा हुआ। ये हमले अलावे, बाब अलमहतम और वस्त बग़दाद के कर अदा अज़ला, अदहमाया, सहोला और साहिब जिसे शुमाली हमसाया इलाक़ों में भी धमाके हुये। मग़रिब में ग़िज़ा लिया और जुनूब में इल्ल अमील और रोरा में भी धमाके हुए।

वज़ारत-ए-सेहत के तर्जुमान जै़द तारिक़ ने मरने वालों की तादाद 60 बताई जबकि 10 हमलों में 190 अफ़राद ज़ख़मी हुए। वज़ारत-ए-दाख़िला के ओहदेदार ने शनाख़्त ज़ाहिर ना करने की शर्त पर बताया कि बग़दाद में तक़रीबन 11 बम धमाके हुए हैं। ये तशद्दुद 15 अगस्त के बाद सब से ज़्यादा खूँरेज़ थे।

जबकि 15 अगस्त धमाके में 74 अफ़राद हलाक और 200 ज़ख़मी हुए थी। इस वक़्त इराक़ के शहरों में सिलसिला वार 17 धमाके हुए थे। इराक़ के सियासतदानों के बोहरान से दो-चार होने के फ़ौरी बाद हमले हुए हैं क्यों कि नायब सदर तारिक़ इल्ल हाश्मी की गिरफ़्तारी का वारंट जारी हुआ है। वज़ीर-ए-आज़म नूरी अलमालिकी ने कुर्दिश हुक्काम से मुतालिबा किया है कि वो सनी अरब लीडर को उन के हवाले करें जिन्हें इराक़ के इस ख़ुदमुख़तार ख़ित्ते में यरग़माल रखा गया है।

हाश्मी ने इल्ज़ामात की तरदीद की। अलमालिकी ने अपने सुनी नायब सालिह अलमतलक़ से मुलाक़ात की जिन्हें शीया ज़ेर-ए-क़ियादत हुकूमत को आमिरीयत पसंदाना क़रार देने के बाद बरतरफ़ करदिया गया था। इन का ताल्लुक़ इस ग्रुप से है जो हाश्मी का ग्रुप है।

इस दौरान इराक़ के क़ाइदीन ने पार्लीमैंट और काबीना का बाईकॉट किया और मालकी ने धमकी दी कि वो एक साल पुरानी मुत्तहदा हुकूमत में अपने वुज़रा को तबदील करदेंगी। वाशिंगटन ने अमन-ओ-सुकून से रहने पर ज़ोर दिया है।