इलम सिखाना एक सदक़ा है

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, मुसलमान का सब से अच्छा सदक़ा ये है कि खुद इल्म सीखे, और अपने मुसलमान भाई को सिखाए। (इब्न माजा)