इलाज के लिए भारी एख़राजात (खर्च )पर तशवीश का इज़हार

गवर्नर मिस्टर ई ऐस एल नरसिम्हन ने इलाज-ओ-मुआलिजा के जयादा खर्चों पर चिंता जाहिर‌ कि जो आम आदमी की पहुंच से बाहर और नाक़ाबिल दस्तरस होते जा रहे हैं और कार्डयालोजी सोसाइटी आफ़ इंडिया कान्फ़्रैंस में इस बात पर ज़ोर दिया कि इलाज-ओ-मुआलिजा के अख़राजात (खर्च )की शरहों(किमतों) का ताय्युन करने के लिए हिक्मत-ए-अमली बनाई जाय

ताकि इलाज सब के लिए काबिल-ए-दस्तरस होसके।गवर्नर ने आज यहां कार्डयालोजी सोसाइटी आफ़ इंडिया ए पी चैपटर की दो रोज़ा 17 वीं सालाना कान्फ़्रैंस का इफ़्तिताह किया। इस मौक़ा पर उन्हों ने इलाज-ओ-मुआलिजा के लिए भारी अख़राजात (खर्च ) पर हैरत का इज़हार किया और एक मुशतर्का रेट कार्ड की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्हों ने डॉक्टर्स पर भी ज़ोर दिया कि अदवियात(दवा) को काबिल-ए-दस्तरस बनाने के लिए राहें तलाश करें ।

उन्हों ने दरयाफ़त कि डॉक्टर्स आम अदवियात को फ़रोग़(बढावा) क्यों नहीं दे रहे हैं जो कि सस्ते दाम में दस्तयाब होते हैं बल्कि इस के बजाय ब्रांडेड अदवियात को फ़रोग़(बढावा) दे रहे हैं। उन्हों ने कहा कि डॉक्टर्स को इस तरह की कान्फ़्रैंस में अपनी नॉलेज को अपडेट करना चाहीए और साथ ही उन्हें इस बात को यक़ीनी बनाना चाहीए कि दवा की क़ीमत और इलाज का ख़र्च कम हो।

उन्हों ने कॉरपोरेट हॉस्पिटल्स को मश्वरा दिया कि वो एक साथ मिल कर देही इलाक़ों में तिब्बी ख़िदमात अंजाम देने के इक़दामात करें। गवर्नर ने पोस्ट ग्रैजूएट एसटीडीज़ के डॉक्टर्स को मश्वरा दिया कि वो लाज़िमी तौर पर देही इलाक़ों में ख़िदमात अंजाम दें।