इलाहबाद हाईकोर्ट ने 17 ओबीसी जातियों को एससी में शामिल करने पर लगाई रोक

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अखिलेश कैबिनेट द्वारा 17 ओबीसी जाति को एससी जाति में शामिल करने के फैसले पर रोक लगा दी है. जिस से अखलेश सरकार को बड़ा झटका लगा है. अखिलेश द्वारा चुनाव में राजनैतिक लाभ के लिए खेले गए इस एससी कार्ड को फेल करते हुए न्यायालय ने अखिलेश कैबिनेट के फैसले पर रोक लगा दी है. न्यायालय ने कहा कि इन 17 जातियों को किसी भी कीमत पर एससी का सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा.

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वन इंडिया के अनुसार, पिछले दिसंबर माह में उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कैबिनेट मीटिंग में राज्य की 17 अन्य पिछड़ा वर्ग जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने पर चर्चा की थी. कैबिनेट ने इस योजना पर मुहर भी लगा दी थी. लेकिन सरकार के इस फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई.
आप को बता दें कि जिन 17 जातियों को एससी वर्ग में शामिल करने की कैबिनेट ने मुहर लगाई थी, इनका सूबे में 17 फीसदी वोट है. जिस में निषाद, मल्लाह, भर, बाथम, तुरहा, कहार, कश्यप, केवट, कुम्हार, राजभर, प्रजापति, धीवर, धीमर, बिंद, माझी, गौड़ और मछुवा जाति शामिल हैं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिहस डीबी भोंसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार के 17 अन्य पिछड़ा वर्ग को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने के फैसले पर रोक लगा दी.