रिज़र्व बैंक आफ़ इंडिया (आर बी आई) ने तमाम बैंकों पर ज़ोर दिया हैके वो इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग मुआमलतों पर कड़ी नज़र रखें।
आर बी आई के राबिता कार बराए तेलंगाना-ओ-आंध्र प्रदेश एन कृष्णा मोहन यहां आर बी आई दफ़्तर पर इलाक़ाई डायरेक्टर के आर दास के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस से ख़िताब करते हुए इन्किशाफ़ किया कि इन दोनों रियासतों में रवां साल 4,477 शिकायात मौसूल हुई हैं जो पिछ्ले साल के मुक़ाबले 4 फ़ीसद ज़ाइद हैं।
उन्होंने ए टी एम, डेबिट और क्रेडिट कारडज़ के इस्तेमाल के दौरान पैदा होने वाली मुख़्तलिफ़ मुश्किलात के बारे में शिकायात और धोका दही के वाक़ियात में इज़ाफे पर तशवीश का इज़हार किया।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक कारडज़ के इस्तेमाल कुनुन्दगान की ग़फ़लत भी उन मसाइल के इज़ाफे की एक अहम वजह है। उन्होंने तमाम सारिफ़ीन को मश्वरह दिया कि वो खास्कर इलेक्ट्रॉनिक कारडज़ के इस्तेमाल के मौके पर ग़ैरमामूली चौकसी इख़तियार करें ताके कार्ड के इस्तेमाल कुनुन्दगान मुख़्तलिफ़ दुक्कानात, तिजारती इदाराजात और ए टी एम्स पर चौकस नहीं रहते एसे मसाइल में कमी नहीं की जा सकेगी। आर बी आई ओहदेदारों ने एतेराफ़ किया कि इलेक्ट्रॉनिक मुआमलतों के दौरान धोका दही की शिकायात में भी इज़ाफ़ा हुआ है जिस के पेशे नज़र आर बी आई ने तमाम बैंकों को असरी निगरानी निज़ाम पर मबनी आलात नसब करने की हिदायत की है ताके मुस्तक़बिल में इस किस्म के वाक़ियात के रोका जा सके।