इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को शफ़्फ़ाफ़ बनाने इलेक्शन कमीशन की पहल

नई दिल्ली:लोक सभा चुनाव 2019 के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को शफ़्फ़ाफ़ बनाने और राय दहिंदों को इतमीनान बख़शने की ख़ातिर हर मशीन के साथ एक पेपर रोल रखा जाएगा जिसमें ये तहरीर शामिल होगी कि राय दहिंदा ने किस उम्मीदवार को वोट दिया है। ये उम्मीदवार के इतमीनान के लिए होगी ताकि राय दही के अमल को शफ़्फ़ाफ़ बनाया जा सके।

इलेक्शन कमीशन के एजंडा के मुताबिक़ इस मक़सद के लिए इन्फ़ार्मेशन ऐंड कम्युनिकेशन टेक्नोलोजी का इस्तेमाल किया जाएगा। चीफ़ इलेक्शन कमिशनर नसीम ज़ैदी ने ये भी कहा कि इंटरनेट के ज़रिये राय दही कराना इलेक्शन कमीशन के एजंडे में शामिल नहीं है। मुस्तक़बिल क़रीब में हम सिर्फ इन्फ़ार्मेशन ऐंड कम्युनिकेशन टेक्नालोजी का इस्तेमाल करते हुए राय दहिंदों से रुजू होंगे।

उस वक़्त हम एक ऐसे मुक़ाम पर पहूंच गए हैं कि हम आज़माईशी तौर पर वोटिंग मशीनों में काग़ज़ लगा रहे हैं जिसका राज़ पोशीदा ही रहेगा ताहम राय दहिंदा को ये मालूम होगा कि इसका ये वोट उस के पसंदीदा लीडर को जा रहा है। सारे मुल्क में इस काग़ज़ी एडिट के ज़रिये फ़ीसद का हिसाब किया जाएगा।

नसीम ज़ैदी यहां एक इंटरमेशनल समीनार से ख़िताब कर रहे थे। आम इंतेख़ाबात 2019 में मुक़र्रर हैं। इन्होंने कहा कि जब एक-बार राय दही मुकम्मल हो जाएगी तो इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से मुंसलिक किए गए काग़ज़ को निकाल कर उसको राज़ में रखा जाएगा और तनाज़े की सूरत में इस काग़ज़ से वोटों की गिनती के तनाज़े की जांच करवाई जाएगी।

मिस्टर नसीम ज़ैदी ने कहा कि वोट देने वाले की शनाख़्त को राज़ में रखना ज़रूरी है जबकि इंतेख़ाबी अमल की निगरानी करने वाले इदारिया ओहदेदार को मुकम्मल इख़्तियारात देने के लिए एक क़ानूनसाज़ी की सिफ़ारिश की जा रही है। ई पोस्टल बयालट के बारे में इन्होंने कहा कि इस के लिए एक महफ़ूज़ टेक्नोलोजी को फ़रोग़ दिया जाएगा।

इस टेक्नालोजी की इफ़ादीयत और कारकर्दगी की जांच की जा रही है। इलेक्शन कमीशन ने हमेशा नई टेक्नालोजी को इख़तियार किया है । टेक्नालोजी के इस्तेमाल के वक़्त दरपेश चैलेंजस के बावजूद कमीशन ने टेक्नालोजी से इस्तिफ़ादा करने की कोशिश की और सियासी पार्टीयों ने कई मर्तबा एतराज़ात किए हैं।

पेपर बयालट सिस्टम को बदल कर ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को मुतआरिफ़ किया गया था इस से वक़्त की बचत और नताइज को शफ़्फ़ाफ़ बनाने में मदद मिल रही है। मुंसिफ़ाना और आज़ादाना इंतेख़ाबात करवाना कमीशन का नसब उल-ऐन है। इलेक्शन कमीशन को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को फ़रोग़ देने के लिए तक़रीबन20 साल दरकार होने , क़ानूनी तक़ाज़ों को पूरा करने के बाद ही इन मशीनों के इस्तेमाल की राह हमवार हुई , उस के बेहतर नताइज के बावजूद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर यासी कारकुनों ने हमले किए हैं|