इलेक्शन आते ही लीडरान बहुरूपिए बन जाते हैं: शाही इमाम

(फैक्स) शाही इमाम मस्जिद फ़तह पूरी दिल्ली मुफ़्ती मुहम्मद मुकर्रम अहमद ने आज नमाज़ जुमा से पहले अपने ख़िताब में कहा कि मुसलमानों को हर मैदान में इत्तिहाद के साथ बेदारी की ज़रूरत है। अल्लाह ताला का फ़रमान है कि जब तक क़ौम अपने हालात बदलने की फ़िक्र नहीं करती उस वक़्त तक अल्लाह ताला भी उस क़ौम की हालत को बेहतर नहीं फ़रमाता।

शाही इमाम ने कहा कि आज हिंदुस्तानी मुसलमानों की पसमांदगी और ख़स्ताहाली का एतराफ़ सब को है। हर सियासी पार्टी इस तकलीफ़देह हक़ीक़त को ज़ोर-ओ-शोर से बयान करती है और क्यों ना हो 65 साल से मुसलसल जिस क़ौम के साथ नाइंसाफ़ी की जा रही है वो तो इतनी भी हालत में है तो ये अल्लाह की मदद से है। इलेक्शन आते ही लीडरान बहुरूपिए बन कर नए नए दिल लुभाने वाले बयान देने में मसरूफ़ होजाते हैं।

24 फ़रव‌री को ईदगाह के इजतिमा में कपिल सिब्बल मर्कज़ी वज़ीर टोपी पहन कर दोनों हाथ उठा कर दुआ करते हुए फ़ोटो खिंचा रहे थे। वज़ीर अक़लियती उमूर के रहमान ख़ान ने एक बयान में कहा कि अक़लियती 32 स्कीमों की निगरानी के लिए वाच डाग का क़ियाम अमल में लाया गया है और इस से अक़लियतों को फ़ायदा पहुंचने में तेज़ी आएगी।

बी जे पी के क़ौमी सदर राज नाथ सिंह भी कह रहे हैं कि हम से कोई ग़लती हुई होगी तो हम सर झुकाकर माफ़ी माँगेंगे। केजरीवाल कह रहे हैं कि हम इक़तिदार में आए तो तमाम फ़सादात‌ की तहक़ीक़ात कराके क़सूरवारों को सज़ा देंगे। शाही इमाम ने कहा कि वाक़िया भी यही है कि फ़िर्कापरस्ती और बदउनवानी दो संगीन मसले हैं और हम हिंदुस्तानी होने के नाते और एक ज़िम्मेदार मुसलमान होने के नाते दोनों ही संगीन मुआमलों की मुज़म्मत करते हैं और हुकूमत से पुरज़ोर मांग‌ करते हैं कि मुसलमानों के साथ जल्द इंसाफ़ किया जाये और इन दोनों ख़तरनाक इशूज़ को ख़त्म करने के लिए फ़ौरी कोशिशें अमल में लाई जाएं।

शाही इमाम मौलाना मुफ़्ती मुहम्मद मुकर्रम ने कहा कि फ़लस्तीन और मस्जिद अक्सा का मसला उम्मत का अहम तरीन मसला है जिस पर पूरी उम्मत के रहनुमाओं और सियासी लीडरान को तवज्जो करने की ज़रूरत है। अगर इस में मज़ीद ग़फ़लत की गई तो फिर ये मसला हाथ से निकल जाएगा।