नई दिल्ली 29 मार्च (पी टी आई) इलेक्शन कमीशन का अतीया जात की रक़म 20 हज़ार रुपय तक महिदूद रखने का मुतालिबा , ला कमीशन से रुजू कर दिया गया है क्योंकि इलेक्शन कमीशन ने तमाम सियासी पार्टीयों पर इस बात का लज़ूम आइद किया है कि वो अपने तमाम रज़ाकाराना अतीया जात का रिकार्ड पेश करें।
चाहे उसकी रक़म कुछ भी हो। ये इलेक्शन कमीशन के इस्लाही इक़दामात का एक हिस्सा है। चूँकि कमेटी की सिफ़ारिशात पर अमल के लिए क़ानून अवामी नुमाइंदगी में तरमीम ज़रूरी है। इस लिए हुकूमत ने फ़ैसला किया है कि क़तई अपील करने से पहले इंतेख़ाबी इस्लाहात के बारे में ला कमीशन की सिफ़ारिशात का इंतिज़ार किया जाये।
लों कमीशन को अपनी हालिया इत्तिला में वज़ारत क़ानून ने कहा कि मौजूदा क़ानूनी मौक़िफ़ ये है कि क़ानून अवामी नुमाइंदगी सियासी पार्टीयों पर हर साल फंड्स / अतीयाजात की तफ़सीलात दाख़िल करने का लज़ूम आइद करता है, जिन की रक़म 20 हज़ार रुपय से ज़ाइद हो, वज़ारत क़ानून के एक ओहदेदार ने कहा कि हुकूमत ने फ़ैसला किया है कि मुस्तक़बिल क़रीब में क़ानून अवामी नुमाइंदगी में तरमीम की जाये और इलेक्शन कमीशन का मुतालिबा इस में शामिल किया जाये।