लखनऊ| २०१५ लोकसभा चुनाव हरने के बाद कांग्रेस इस देश में सियासत के मैदान में बैकफुट पर है ,मगर किसी को ये नहीं भूलना चाहिए की कांग्रेस इस देश की सबसे पुरानी और सबसे ज्यादा शासन करने वाली सियासी पार्टी है।सबसे बड़ी बात ये है की कांग्रेस की हालत यूपी में किसी से छिपी नहीं है। यूपी में कांग्रेस का जनाधार गिरता जा रहा है। एेसे में पार्टी किसी एेसे शख्स को यूपी के सीएम कैंडीडेट के तौर पर पेश करना चाहती है, जो कांग्रेस को संजीवनी तो दे ही सके साथ ही जातिय समीकरण साधते हुए कांग्रेस की यूपी में इज्जत भी बचा सके। यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बहुमत तो नहीं ला पाएगी लेकिन उसकी यह कोशिश है की कम से कम सौ सीटों पर जीत दर्ज की जाए ताकि उसके बिना किसी की सरकार न बन सके।
एक हिंदी अखबार के मुताबिक दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित यूपी से कांग्रेस की सीएम कैंडीडेट हो सकती हैं। शीला दीक्षित को राजनीति का काभी लंबा अनुभव है, केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं। तीन बार लगातार दिल्ली की चीफ मिनिस्टर रही हैं। उनका यूपी से पूराना नाता है। उनके पति विनोद शंकर दीक्षित आर्इएएस थे आैर यूपी के रहने वाले थे। वहीं उनके ससुर उमाशंकर दीक्षित भी कांग्रेस के नेता आैर मंत्री रह चुके हैं।
कांग्रेस के लिए सबसे मुश्किल इस बात पर है की यहां किसी एक नाम पर सहमति बनना मुश्किल हैसूत्रों के अनुसार, यूपी में कांग्रेस पार्टी अंदरूनी गुटबाजी की शिकार है। यहां किसी एक नाम पर सहमति बनना मुश्किल है। ऐसे में शीला को अखिलेश, मायावती के समकक्ष ऐसी नेता के रूप में पेश करना आसान होगा, जिसे दिल्ली में 15 साल के अच्छे गवर्नेंस रिकॉर्ड के साथ सीएम रहने का अनुभव है।वहीं यूपी में शीला-प्रियंका को मैदान में उतारने से बीजेपी पर भी दबाव बढ़ेगा। पार्टी का टारगेट है कि वह 100 के करीब सीट जीत सके जिससे सूबे में उसके बिना कोई सरकार नहीं बने।कांग्रेस का कैलकुलेशन है कि यूपी में जब तक पार्टी अपने पारंपरिक वोटरों (ब्राह्मणों) को फिर से नहीं जोड़ेगी, ऐसे में शीला के साथ लगभग 11% ब्राह्मण वोटरों को लुभाना आसान होगा।2017 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस यूपी में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। पार्टी प्रदेश चुनाव में दिल्ली की पूर्व सीएम और कांग्रेस की कद्दावर नेता शीला दीक्षित को बतौर सीएम चेहरा पेश कर सकती है। साथ ही, प्रियंका गांधी को यूपी प्रभारी की जिम्मेदारी देने की तैयारी है। पार्टी ने दोनों को यूपी की ‘बहू-बेटी’ के रूप में प्रॉजेक्ट करने के इशारे दिए हैं।