असम: देश भर में दलितों और माइनॉरिटी को लेकर जिस तरह का बर्ताव आज के दिनों में सरकार और उसके मंत्री करते जा रहे हैं उस से यह तो साफ़ होता ही है की सरकार इन लोगों की भलाई की तरफ ध्यान न देकर इन्हें सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करने में यकीन रखती है।
देश में जहाँ बड़ी बड़ी योजनाओं पर काम किये जाने की बातें भाषणों के जरिये कही जा रही हैं वहीँ गरीब और दबे कुचले माइनॉरिटी और दलित तबके के लोगों की सुध लेने कोई आगे नहीं आ रहा। जुर्म होते जाते हैं और इन्साफ की भीख मांगने कोर्ट कचहरी जाते इन लोगों को सिर्फ आँखें ही दिखाई जाती हैं। ऐसे में समाज के मजबूत तबके का फ़र्ज़ बनता है कि इस अन्याय को होने से रोके और उन गरीबों- दबे कुचले लोगों की आवाज़ को अपनी आवाज़ बनाकर बहरी सरकार के कानों तक पहुंचाए। यह कहना है युवा नेता , वकील और मश्हूर सोशल वर्कर शहज़ाद पूनावाला का जो बीती रात यहाँ असम के बिलासिपारा में दलितों और माइनॉरिटीज पर हो रहे जुर्म की दास्ताँ सुनने और लोगो का दुःख दर्द बांटने के लिए रखे एक प्रोग्राम में शिरकत करने के लिए पहुंचे हैं।
इस से पहले भी शहज़ाद पूनावाला अपने एन.जी.ओ ‘पॉलिसी संवाद’ के जरिये ऐसे कई कार्य प्रोग्रामों को रख कर लोगों की परेशानिओं को सुनकर उनकी मदद कर चुके हैं।
अपने समाज सेवा के काम के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में शहज़ाद ने कहा: ” एन.जी.ओ चलाना या समाज सेवा करना कोई बड़प्पन का काम नहीं बल्कि हमारा कर्त्तव्य है। जिस देश में हम रह रहे हैं वहां हमारे आसपास के लोग खुश नहीं होंगे तो हम भी खुश कैसे रह सकते हैं। किसी पर ज़ुल्म होते देखकर भी उसे नज़रअंदाज़ करना और अपनी ज़िन्दगी में मस्त रहना भी ज़ुल्म करने के बराबर ही है। समाज सेवा किसी एक अकेले आदमी के बस की बात नहीं है। हम लोग इस कारवाँ में सफर करने वाले लोग हैं कारवाँ हमेशा चलता रहेगा हम में से किसी का सफर चाहे कहीं खत्म हो जाये। ”
आज के प्रोग्राम की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इस प्रोग्राम के मुख्या अतिथि खुर्शीद अहमद सैयद होंगे जो आज के विषय पर चर्चा करेंगे और जुल्मों से जूझ रहे लोगों से बात भी करेंगे। इसके इलावा मेहमानों में वाज़िद अली चौधरी साहब और स्पीकर्स में ढुबरी से एम.पी. रह चुके अनवर हुसैन के साथ कई जानी मानी हस्तियां शामिल होंगी।