इल्ज़ामात इंतिहाई संगीन: सी बी आई की अदम मुख़ालिफ़त कोई मानी नहीं रखती : सी बी आई जज के सख़्त रिमार्कस

नई दिल्ली 04 नवंबर ( पी टी आई ) 2G असपीकटरम अस्क़ाम के मुल्ज़िमीन डी ऐम के रुकन पार्लीमैंट कन्नी मोज़ही और दीगर सात की रिहाई की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए दिल्ली की एक अदालत ने आज उन की ज़मानत की दरख़ास्तों को मुस्तर्द कर दिया और कहा कि इन के ख़िलाफ़ जो इल्ज़ामात हैं वो संगीन नौईयत के हैं।

अदालत ने सी बी आई की जानिब से कन्नी मोज़ही और दूसरे चार मुल्ज़िमीन की ज़मानत की दरख़ास्त की मुख़ालिफ़त ना करने के मौक़िफ़ को मुस्तर्द करदिया और कहा कि सी बी आई ने इन मुल्ज़िमीन को जो मुराआत दी हैं वो क़ानून की नज़र में कोई एहमीयत की हामिल नहीं हैं ।

सी बी आई के मौक़िफ़ से मुल्ज़िमीन को ये उम्मीदें पैदा हो गई थीं कि अदालत में चूँकि इल्ज़ामात भी वज़ा किए जा चुके हैं और सुप्रीम कोर्ट ने इन से कहा है कि अब वो दरख़ास्त ज़मानत पेश करसकते हैं तो उन्हें शायद ज़मानत मिल जाय ।

सी बी आई की ख़ुसूसी अदालत के जज ओ पी साईनी ने कहा कि चूँकि मुल्ज़िमीन की ज़मानत की दरख़ास्त पर फ़ैसला सिर्फ और सिर्फ क़ानून के मुताबिक़ और मुक़द्दमा के हक़ायक़-ओ-हालात की बुनियाद पर किया जाना चाहीए ऐसे में वो ये कहने से गुरेज़ नहीं करेंगे कि इस्तिग़ासा की जानिब से मुल्ज़िमीन को जो मुराआत दी जा रही हैं उन के क़ानून की नज़र में कोई अवाक़िब नहीं होसकते ।

सी बी आई ने कन्नी मोज़ही के इलावा कलाईगनार टी वी के एम डी शरद कुमार कोसे गा फ़रुट्स-ओ-वेजीटेबलस के डायरैक्टरस आसिफ़ बुलवा-ओ-राजीव अग्रवाल और बाली वुड के फ़िल्म साज़ करीम मोरानी की ज़मानत की दरख़ास्तों की मुख़ालिफ़त नहीं की थी । उन के नाम सी बी आई की जानिब से 25 अप्रैल को पेश करदा ज़ेली चार्च शीट में शामिल किए गए हैं। मुल्ज़िमीन गुज़शता पाँचता नौ माह से जेल में हैं ।

कन्नी मोज़ही 20 मई से जेल में हैं। मज़कूरा बाला पाँच मुल्ज़िमीन के इलावा अदालत ने साबिक़ टेलीकॉम सैक्रेटरी सिद्धार्थ बीहोरा साबिक़ वज़ीर टेलीकॉम ए राजा के साबिक़ा पराईओट सैक्रेटरी आर के चण्डू लिया और स्वान टेलीकॉम के प्रोमोटर शाहिद उसमान बुलवा भी शामिल हैं।

सी बी आई के अदम एतराज़ को मुस्तर्द करते हुए जज ने कहा कि किसी मुल्ज़िम की ज़मानत की दरख़ास्त पर इस्तिग़ासा का अदम एतराज़ किसी मुक़द्दमा के हक़ायक़ और इस के हालात पर होसकता है कि कुछ असर होसके ताहम किसी ऐसे मुक़द्दमा में जहां किसी मुल्ज़िम के ख़िलाफ़ इल्ज़ामात संगीन नौईयत के हूँ ऐसे में सी बी आई के अदम एतराज़ के कोई क़ानूनी अवाक़िब नहीं हो सकते ।

जज मौसूफ़ ने कहा कि मुल्ज़िमीन के माबैन असल चार्च शीट और ज़ेली चार्च शीट की बुनियाद पर कोई इमतियाज़ नहीं होसकता और क़ानून की नज़र में सिर्फ एक ही चार्च शीट शुमार होती है । अदालत ने कहा कि 2G मुक़द्दमा संगीन नौईयत का है जिस के नतीजा में दो मुल्ज़िम टेलीकॉम फर्म्स स्वान टेलीकॉम और योनी टेक वायरलैस को मुजरिमाना रवैय्या और एतिमाद शिकनी की वजह से भारी फ़ायदा हासिल हुआ है ।