गुजरात की हुकूमत ने इशरतजहां फर्जी मुठभेड़ मामले में गिरफ्तार और फिलहाल जमानत पर चल रहे आईपीएस आफीसर जी.एल.सिंघल को तकरीबन 14 महीनों के बाद मंगल के रोज़ फिर बहाल कर दिया है|
जी.एल.सिंघल की मुअत्तली रद्द करते हुए बहाली देने के साथ उन्हें गांधीनगर में वाके एसआरपी ग्रुप -12 के कमाण्डैंट के ओहदे पर तकर्रुरी दी गई है. एसआरपी ग्रुप-12 के कमाण्डैंट बी.एम.चौहान का ट्रांसफर करते हुए उन्हें नडियाद वाके एसआरपी ग्रुप सात का कमाण्डैंट मुकर्रर किया गया|
जी.एल.सिंघल को पिछले साल 21 फरवरी 2013 को इशरत जहां मुठभेड़ मामले में सीबीआई ने रियासत के गांधीनगर में वाके स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के दफ्तर में जाकर सिंघल गिरफ्तार कर लिया था|
साल 2001 बैच के आईपीएस आफीसर सिंघल उस वक्त एससीआरबी के सुप्रीटेन्डेन्ट ऑफ पुलिस (एसपी) के ओहदा पर थे|
इसके बाद रियासती हुकूमत ने एक मार्च 2013 को जी.एल.सिंघल को मुअत्तल कर दिया था | रियासती हुकूमत ने उनके इस Suspension को 27 मई 2014 को तकरीबन 14 महीनों के बाद रद्द करते हुए उन्हें बहाल कर दिया|
गुजरात में अब तक हुई मुठभेड़ों के मामले में राजस्थान कैडर के दिनेश एम.एन.समेत कुल छह आईपीएस आफीसर गिरफ्तार हुए थे, जिसमें से पांच गुजरात कैडर के थे | गुजरात कैडर के इन पांच आईपीएस आफीसरों में से बहाल होने वाले जी.एल.सिंघल पहले आफीसर हैं | मुतबिर ज़राये के मुताबिक सिंघल आज (जुमेरात ) अपना ओहदा संभाल सकते हैं|
पहले खबर थी कि सिंघल हुकूमत से नाराज हैं और अब नौकरी करना नहीं चाहते हैं वो खुदकुशी को रोकने के लिए गैर सरकारी तंज़ीम / इदारे खोलने के खाहिश हैं| रियासत के इज़ाफी चीफ सेक्रेटरी (दाखिला) एस.के.नंदा ने भी जी.एल.सिंघल को बहाल किए जाने की तस्दीक की है|
मालूम हो कि नौ साल पहले शहर के नरोडा कोतरपुर एप्रोच पर 15 जून 2004 को गुजरात पुलिस की अहमदाबाद शहर क्राईम ब्रांच ने एक मुठभेड़ में इशरतजहां को उसके तीन अन्य साथियों जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लई, जीशान जौहर व अमजदअली राणा के साथ लश्कर-ए-तैय्यबा का दहशतगर्द करार देते हुए मार गिराने का दावा किया था|
सीबीआई की जांच में ये मुठभेड़ फर्जी होने का खुलासा हुआ है|