नई दिल्ली: पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने इशरत जहाँ मामले में इस बात को स्वीकार करते हुए कहा है कि इशरत जहां को लेकर दाखिल एफिडेविट में उन्होंने कुछ ‘संपादकीय’ बदलाव किए थे। उन्होंने कहा कि अटार्नी जनरल के पास से जब एफिडेविट का ड्राफ्ट उनके पास आया, तो उन्होंने उसमे कुछ छोटे-मोटे संपादकीय बदलाव किए। चिदंबरम ने कहा कि यह तो सभी वकीलों की ही आदत होती है। मुङो याद नहीं कि मेरे पास से कोई फाइल बिना किसी बदलाव के गुजरी हो। सोमवार को अपनी किताब ‘स्टैंडिंग गार्ड-ए ईयर इन अपोजिशन’ के रिलीज़ पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने पूछा कि एफिडेविट का कौन-सा हिस्सा गलत है? इसकी कौन-सी लाइन गलत है? कोई भी मुझ पर आरोप नहीं लगा रहा है। जो अधिकारी इस समय कह रहे हैं कि वे एफिडेविट के बारे में कुछ नहीं जानते थे, उनका भी रिकार्ड उपलब्ध है।