इशरत जहां एनकाउंटर को हक़बजानिब साबित करने की कोशिश नाकाम

 

नई दिल्ली: सुप्रीमकोर्ट ने आज एक मफ़ाद-ए-आम्मा की दरख़ास्त पर समात से इनकार कर दिया है जिसमें लश्करे तैय‌बा के कारिंदा डेविड हेडली के हालिया इक़बालिया बयान के पेश-ए-नज़र इशरत जहां फ़र्ज़ी एनकाउंटर केस में गुजरात पुलिस के ख़िलाफ़ क़ानूनी चारा-जुई, मुअत्तली और दीगर कार्यवाईयों को कुलअदम क़रार देने की गुज़ारिश की गई।

जस्टिस पीसी घूसे और अमीता ओ राय पर मुश्तमिल बेंच ने इस केस में ऐडवोकेट ऐम एल शर्मा की बेहस शुरू होते ही कहा कि आर्टीकल 32 का मक़सद किया है और जिसके तहत इस तरह का केस दायर नहीं किया जा सकता। दस्तूर की दफ़ा 226 के तहत हाईकोर्ट से रुजू हो सकते हैं।

ऐडिशनल सॉलीसिटर जनरल तूषार मोहित ने जब इस मामले पर वज़ाहत तलब की तो बेंच ने कहा कि मेरिट की बुनियाद पर मफ़ाद-ए-आम्मा की दरख़ास्त यकसर मुस्तरद नहीं की जा रही है अगर किसी शख़्स को शिकायत है तो वो मुताल्लिक़ा अथॉरीटी से रुजू हो सकता है।

इस तरह बेंच ने सियासी नौईयत के हस्सास केस में मुतास्सिरा गुजरात पुलिस ओहदेदार बिशमोल डीआईजी मिस्टर डीजी वंज़ारा को अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए अदालत से रुजू होने की राह हमवार कर दी है। वाज़िह रहे कि पाकिस्तानी नज़ाद अमरीकी दहशतगर्द डेविड हेडली ने हाल ही में मुंबई हाईकोर्ट में ये बयान रिकार्ड करवाया था कि इशरत जहां लश्करे तैय‌बा की तर्बीयत याफताह कारकुन थी, जिसकी बुनियाद पर दरख़ास्त गुज़ार ने गुजरात पुलिस के ख़िलाफ़ कार्य‌वाई को कुलअदम क़रार देने की इस्तिदा की है।

गुजरात पुलिस के आला ओहदेदार बिशमोल वंजारा को मज़कूरा एनकाउंटर केस में उनके मुबय्यना रोल पर मुंबई अदालत में इल्ज़ामात का सामना है। अमरीकी जेल में मुक़य्यद डेविड हेडली ने ये दावा किया है कि 26/11 मुंबई हमलों के लिए लश्करे तैय‌बा ने साज़िश तैयार की और जिससे ये साबित होता है कि गुजरात पुलिस के एनकाउंटर में हलाक 4 अफ़राद बिशमोल इशरत जहां दहशतगर्द थे और उन दहशतगरदों को उस वक़्त के चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी के क़तल की ज़िम्मेदारी दी गई थी, लेकिन पुलिस ने जून 2004 में एनकाउंटर में दहशतगरदों को हलाक करके इस साज़िश को नाकाम बनाया था।

दरख़ास्त गुज़ार ने सुप्रीमकोर्ट से ये गुज़ारिश की है कि हेडली की गवाही और वाक़ाती सबूत की बिना पर गुजरात पुलिस के ख़िलाफ़ फ़ौजदारी मुक़द्दमा और सीबीआई कार्य‌वाई से दसतबरदारी इख़तियार करने की हिदायत दी और ये ऐलान किया जाये कि दहशतगरदों की हलाकत हिन्दुस्तानी क़वानीन के मुताबिक़ जुर्म नहीं है और हक़-ओ-इन्साफ़ के मुफ़ाद में मुतास्सिरा पुलिस मुलाज़िमीन को मुनासिब मुआवज़ा अदा किया जाये।

लोक सभा में आज इशरत जहां का मसला उठाया गया जबकि कांग्रेस ने इल्ज़ाम आइद किया है कि कांग्रेस ने ये इल्ज़ाम आइद किया कि इस मसले पर तहरीक तवज्जे दहानी के इस्तिर्दाद से शदीद नाइंसाफ़ी हुई है। हुकूमत और स्पीकर ने इन इल्ज़ामात को मुस्तरद कर दिया|