इशरत जहां एनकाऊंटर: सी बी आई ने तहक़ीक़ात की ज़िम्मेदारी सँभाल ली

“अहमदाबाद, ०७ जनवरी (पी टी आई) गुजरात हाईकोर्ट की हिदायत पर सी बी आई ने मुंबई के एक तालिबा इशरत जहां और दीगर तीन अफ़राद के 2004 में हुए फ़र्ज़ी एनकाऊंटर की रस्मी तहक़ीक़ात का आग़ाम कर दिया।

हैदराबाद ज़ोन के सरबराह इन्सपेक्टर जनरल वि वि लक्ष्मी नारायना की क़ियादत में सी बी आई की एक टीम को सुप्रीम कोर्ट की तरफ़ से मुक़र्रर करदा ख़ुसूसी टीम ने इस एनकाऊंटर को फ़र्ज़ी क़रार देते हुए मज़ीद तहक़ीक़ात के लिए तमाम मुताल्लिक़ा दस्तावेज़ात हवाला कर दिया है।

इस केस के तहक़ीक़ाती अफ़्सर जी क्लाइमनी (डी एस पी) डी आई जी अरूना बोथरा और सी बी आई स्पैशल क्राईम ज़ोन (I) के इलावा दीगर ओहदेदार कर रहे हैं।

ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती टीम के ओहदेदारों के मुताबिक़ मुताल्लिक़ा ओहदेदारों को ऐस केस के तमाम दस्तावेज़ात, असल ब्यानात और अंग्रेज़ी तर्जुमे दे दिए गए हैं। सी बी आई आरिज़ी तौर पर गांधी नगर में वाक़्य खदीम सेक्रेटरेट बिल्डिंग में मुख़तस दफ़्तर में काम करेगी।

2005 में हुए सुहराब उद्दीन शेख़ फ़र्ज़ी एनकाऊंटर की तहक़ीक़ात के लिए 2010 में ये दफ़्तर सी बी आई टीम को दिया गया था। गुज़श्ता साल ०१ दिसम्बर को हाईकोर्ट ने सी बी आई को इशरत जहां फ़र्ज़ी एनकाऊंटर केस की मज़ीद तहक़ीक़ात करने का हुक्म दिया था।

ये एनकाऊंटर 15 जून को हुआ था जिस में 19 साला कालेज तालिबा इशरत जहां इस के तीन साथीयों जावेद शेख़ उर्फ़ प्रणेश पलटी, अमजद अली राना और ज़ीशान जौहर को अहमदाबाद क्राईम ब्रांच की एक टीम ने गोली मारकर हलाक कर दिया था।

पुलिस एनकाऊंटर के हक़ायक़ का पता चलाने के लिए ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती टीम तशकील दी गई थी जिस ने एक रिपोर्ट में कहा कि ये फ़र्ज़ी एनकाऊंटर था क्यों कि एनकाऊंटर करने से पहले ही इस लड़की और दीगर तीन अफ़राद को मारा जा चुका था।