इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ केस में सीबीआई की चार्जशीट दायर होने के बाद मुल्ज़िम बनाए गए आईबी आफीसर राजेन्द्र कुमार ने अपना पहला तब्सिरा एनडीटीवी को दी है।
राजेन्द्र कुमार ने एनडीटीवी से कहा है कि इशरत और उसके साथी दहशतगर्दाना सरगर्मियों में शामिल थे और हमारी कार्रवाई दहशतगर्द को रोकने के लिए थी।
उन्होंने कहा कि हम गिद्ध नहीं जो बेकसूरों को मारें। कुमार ने दावा किया कि उनके पास सीबीआई की दलील को गलत साबित करने के लिए पुख्ता सुबूत भी हैं, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी उन्होंने चार्जशीट की कॉपी नहीं देखी है।
दरअसल, इशरत जहां फर्जी एनकाउंटर केस में सीबीआई ने जो सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है उसमें आईबी के साबिक स्पेशल डायरेक्टर राजेंद्र कुमार का भी नाम है। कुमार मुठभेड़ के वक्त गुजरात की स्टेट आईबी के मुखिया थे। राजेंद्र कुमार के इलावा उनके तीन साथियों का नाम भी चार्जशीट में है हालांकि नरेंद्र मोदी के करीबी बीजेपी बीजेपी लीडर अमित शाह का नाम सीबीआई की चार्जशीट में नहीं है।