नई दिल्ली। संप्रग सरकार के दौरान केन्द्रीय गृह सचिव रहे जी के पिल्लई के इस बयान कि तत्कालीन गृह मंत्री चिदम्बरम ने उन्हें दरकिनार करते हुए इशरत जहां मुठभेड़ कांड से जुड़े एफिडेविट में खुद बदलाव करवाया था, सम्बंधित फाइल गृह मंत्रालय की फाइलों में नहीं मिल रही है।उल्लेखनीय है कि बारह साल पुराने मुठभेड़ के इस मामले में संप्रग सरकार के कार्यकाल में 6 अगस्त 2009 को दाखिल एफिडेविट में इशरत समेत तीन को आतंकी बताया गया था और 30 सितम्बर 2009 के एफिडेविट में इशरत के आतंकी होने से इनकार किया गया था। पूर्व गृह सचिव के इस बयान के बाद भाजपा ने आरोप लगाया है कि यह आतंकियों की मदद करने जैसा है। कांग्रेस और पूर्व गृह मंत्री चिदम्बरम ने जो किया वह देश विरोधी है। भाजपा का यह भी कहना है कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को परेशान करने के लिए अपनी ताकत का दुरुपयोग किया
राजधानी से प्रकाशित एक अंग्रेजी दैनिक के अनुसार गुजरात के चर्चित इशरत जहां मुठभेड़ कांड में दाखिल शपथपत्र में बदलाव वाली फाइल के साथ ही वह फाइल भी गृह मंत्रालयों की फाइलों में नहीं मिल रही है, जिसमें तत्कालीन एटार्नी जनरल ने अपनी कानूनी राय दी थी।