इशरत जहां के पीछे फिर पड़ी भाजपा, फिर “निल बटे सन्नाटा”…

नई दिल्ली:  इशरत जहां का मुद्दा एक बार फिर लोक सभा में उठाया जा रहा है और एक अजीब-ओ-ग़रीब सी चर्चा इसपर की जा रही है. इस चर्चा में अपनी रोटियाँ कौन नहीं सेंकना चाहता और इसी का एक नमूना हमें कल लोकसभा में मिला जब भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनुराग ठाकुर ने एक बार फिर यही मुद्दा उठाया. विपक्ष में जहां कुछ सांसद ये कह रहे हैं कि ये मुद्दा सिर्फ़ सरकार की नाकामी की वजह से उठाया जा रहा है और सरकार दुसरे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बार बार ऐसे मुद्दे लेके आ रही है जो जांच के दायरे में है और जब सरकार भाजपा की है तो वो जांच पे ध्यान दे बजाय वक़्त बर्बाद करने के. बहरहाल कल जब अनुराग ठाकुर ने ये मुद्दा उठाया तो बात कुछ नयी नहीं थी, उन्होंने कहा कि पहले एफिडेविट का फॉरेंसिक टेस्ट होना चाहिए जिस पर तत्कालीन गृह मंत्री के दस्तख़त हैं और जिसमें कहा गया है इशार लश्कर की आतंकी है. शून्य कामल में ये मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि देश के एक पूर्व गृह मंत्री ने देश के लिए नहीं अपने बेटे के लिए काम किया, इस बात का कांग्रेस के सदस्यों ने जम कर विरोध किया और स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी ठाकुर को हिदायत दी कि वो बात कहें जिससे सदन की मर्यादा ना भंग हो और आपको पूर्व गृह मंत्री का नाम लेने की ज़रुरत नहीं है.

ठाकुर का कहना था कि अचानक से जब दूसरा एफिडेविट आया तो इशरत जहां को आतंकी नहीं बताया गया. इस बात को लेकर वो विरोध कर रहे थे. उन्होंने अपनी ही सरकार से मांग की कि इस मामले में फॉरेंसिक जांच कराई जाए.

हर बार की तरह एक बार फिर भाजपा ये मुद्दा उठा रही है लेकिन इस बार भी वही होना है “निल बटे सन्नाटा”