इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने पूर्व की यूपीए सरकार पर अब तक का सबसे बड़ा इल्ज़ाम लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्रालय ने सच छुपाने के लिए पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम किया। यूपीए सरकार में गृह मंत्री रहे चिदंबरम पर हमला करते हुए सोनिया गांधी को भी इस मामले में लपेटा था। इस बात से पर्दा उठाने के लिए कांग्रेस ने RTI का सहारा लिया और BJP के इस झूठ का पर्दाफाश किया।
गृह मंत्रालय के पास ऐसे कोई सबूत नहीं हैं जिनसे यह संकेत मिलें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इशरत जहां एनकाउंटर केस में यूपीए सरकार द्वारा तैयार किए गए हलफनामों को अवैध रूप से प्रभावित करने के लिए हस्तक्षेप किया था। मंत्रालय ने RTI (सूचना के अधिकार कानून) के तहत यह जानकारी दी है।
RTI ऐक्टिविस्ट और कांग्रेस के सीनियर नेता शहजाद पुनावाला के भाई तहसीन पूनावाला ने 24 अप्रैल को सूचना के अधिकार कानून के तहत मंत्रालय से पूछा था कि क्या सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के कोई सबूत हैं, जैसा कि बीजेपी के नेता आरोप लगाते हैं। मंत्रालय के उप सचिव एसके चिकारा ने 23 मई को दिए जवाब में कहा कि ऐसे कोई दस्तावेज मौजूद नहीं हैं।