नई दिल्ली 26 सितम्बर: गृह मंत्रालय ने इशरत जहां फर्जी एनकाउंटर मामले से संबंधित दस्तावेजों के लापता होने के सिलसिले में एक एफआईआर दर्ज करवाया है।
इस कदम से भाजपा और कांग्रेस के बीच जबरदस्त राजनीतिक चर्चा छेड़सकती है। गृह मंत्रालय में अवर सचिव ने संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाया है। यह मामला धारा 409 (सार्वजनिक खदमतगारों से आपराधिक विश्वास हनन) के तहत दर्ज किया गया है। इशरत जहां के संबंध में पांच दस्तावेज गुम हो गए हैं। पुलिस से कहा गया है कि वे अपने फ़ाइीलों के लापता होने की जांच करे। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्रालय की शिकायत प्राप्त होने के बाद पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
खोजी पैनल ने बताया कि सितम्बर 2009 में जानबूझकर या गैर जानबूझ कर उनके फ़ाइीलों कागजात को हटा दिया गया है या खो दिया गया है। इस समय गृह मंत्रालय में पी चिदंबरम गृह मंत्री थे। इस विवादास्पद इशरत जहां फर्जी एनकाउंटर मामले से संबंधित पांच दस्तावेजों में से केवल एक कागज गृह मंत्रालय से बरामद हुआ है।
खोजी पैनल ने 3 महीने की लंबी जांच के बाद अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। जांच समिति ने यूपीए सरकार में किसी का नाम नहीं लिया और ना ही पी चिदंबरम के बारे में कुछ लिखा है।