नई दिल्ली : इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ केस में आईबी के सबिक अफसर ने तत्कालीन यूपीए सरकार पर बड़ा इल्जाम लगाया है. आईबी के सबिक स्पेशल डायरेक्टर राजेंद्र कुमार ने कहा है कि यूपीए सरकार को इशरत के लश्कर कनेक्शन की पूरी जानकारी थी. लेकिन ओह्दे का लालच देकर सरकार ने खुफिया रिपोर्ट दबाने की कोशिश की.
राजेंद्र कुमार ने बताया कि आईबी का काम पुलिस को इनपुट देना है. हमने जो भी मलुमात जुटाई थी सब पुलिस को दे दी थी. मुठभेड़ से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. मैंने तब लिखा था कि वे लोग गुजरात सहित भारत के कई हिस्सों में आतंकी सर्गर्मियों को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं.
राजेंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने एक हलफनामा भी दिया था, जिस पर मुकेश मित्तल के साईन थे. लेकिन यह हलफनामा सुधारा गया और इसमें कुछ करेक्स्न कर दूसरा हलफनामा दिया गया. जदो हलफनामों पर पी. चिदंबरम ने साईन किए. इसमें साजिश है. पूरे सिस्टम का गलत इस्तेमाल हुआ है.
राजेंद्र कुमार ने सवाल उठाया कि चिदंबरम को अप्रूवर किसने बनाया? यह बताता है कि इसमें वह सब लिखा गया, जो वे चाहते थे. सुशील कुमार शिंदे नहीं चाहते थे कि इसमें उनका नाम आए. हर कोई जानता था कि यह कोई एनकाउंटर नहीं, बल्कि एंटी टेररिस्ट काउंटर है.