सीबीआई विशेष अदालत ने इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ कांड के मुख्य आरोपी सेवानिवृत आईपीएस अधिकारी डी जी वंजारा को गुजरात में प्रवेश करने और वहां ठहरने की शनिवार 2 अप्रैल को अनुमति देकर उनकी जमानत शर्तों में ढील दी। विशेष न्यायाधीश एस आर राजे की अदालत ने गुजरात में प्रवेश करने और वहां ठहरने के वास्ते जमानत में संशोधन संबंधी उनकी अर्जी मंजूर कर ली लेकिन साथ ही यह शर्त लगा दी कि वह हर शनिवार को अदालत में अपनी उपस्थिति दर्ज करायेंगे।
पिछले वर्ष फरवरी में वंजारा को कथित इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ कांड में इस शर्त के साथ जमानत मिली थी कि वह गुजरात में प्रवेश नहीं करेंगे। उनके देश से बाहर जाने पर भी रोक लगा दी गयी थी। पूर्व अधिकारी ने लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी डेविड हेडली की मुम्बई की एक अदालत में इस गवाही के बाद अपनी जमानत में संशोधन के लिए अर्जी लगायी थी कि इशरत लश्कर की आतंकवादी थी।उन्हें 24 अप्रैल,2007 को सीआईडी क्राइम ने 2005 के कथित सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था और वह जमानत मिलने पर सलाखों के पीछे थे। सितंबर,2014 में मुम्बई की एक अदालत ने वंजारा को सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजाति कथित फर्जी मुठभेड़ मामलों में जमानत दी थी।