इशरत जहां फ़र्ज़ी एनकाउंटर : मुल्ज़िम आई पी एस ओहदेदार की ज़मानत पर पीर को फैसला

अहमदाबाद, 25 मई: (पी टी आई)सी बी आई की एक ख़ुसूसी अदालत ने आज मुअत्तल शूदा(निलंबित) आई पी एस ओहदेदार जी एल सिंघल की दरख़ास्त ज़मानत पर अपना फैसला महफ़ूज़ कर लिया है जो इशरत जहां फ़र्ज़ी एनकाउंटर मुक़द्दमा में मुल्ज़िम हैं।

दलायल की समाअत करने के बाद एडीशनल चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट (chief judicial magistrate) एस एच खटवाड ने कहा कि वो पीर 27 मई को अपना फैसला सुनाएंगे। सिंघल को सी बी आई ने 21 फ़रवरी को गिरफ़्तार कर लिया था । उन्होंने अदालत में इस्तेदलाल ( दलील) पेश किया कि चूँकि तहक़ीक़ाती एजेंसी मुक़र्ररा 90 दिन में चार्जशीट पेश नहीं कर सकी है इसलिए उन्हें ज़मानत दी जानी चाहिए।

इस केस के एक और मुल्ज़िम‍ ओ पुलिस ओहदेदार जी परमार ने भी इसी बुनियाद पर ज़मानत की दरख़ास्त दायर की है। उन्हें 22 फ़रवरी को गिरफ़्तार किया गया था। सी बी आई के वकील ने परमार की दरख़ास्त पर अपना जवाब दाख़िल करने वक़्त तलब किया है और अदालत ने वक़्त देते हुए आइन्दा समाअत पीर को मुक़र्रर की है।

मुअत्तल आई पी एस ओहदेदार सिंघल की दरख़ास्त ज़मानत की मुख़ालिफ़त करते हुए तहक़ीक़ाती ओहदेदार डी एस पी जी कलाईमनी (DySP G Kalaimani) ने अपने तहरीरी जवाब में कहा कि सी बी आई को अभी पुलिस ओहदेदार पी पी पांडेय और डी जी वंज़ारा से पूछताछ करनी बाक़ी है।

पी पी पांडेय मफ़रूर है जबकि वंज़ारा महाराष्ट्रा की तलूजा (Taloja) जेल में हैं। वंज़ारा को सोहराब उद्दीन फ़र्ज़ी एनकाउंटर मुक़द्दमा में भी गिरफ़्तार किया गया है और इसी केस में वो जेल में है । कलाईमनी(Kalaimani)ने कहा कि ट्रांसफ़र वारंट में फ़न्नी नक़ाइस (technical problems) की वजह से वंज़ारा(Vanzara’s) की गिरफ़्तारी में ताख़ीर हुई है ।