सैंटर्ल ब्यूरो आफ़ इनवैस्टीगेशन ( सी बी आई ) ने आज रियास्ती वज़ीर-ए-क़ानून गुजरात परीब सिन्हा जडेजा से इशरत जहां फ़र्ज़ी एनकाउंटर मुक़द्दमा में तफ़तीश की। सी बी आई के ज़राए के बमूजब रियास्ती ऐडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी को भी एक नोटिस जारी करते हुए उनसे सी बी आई के इजलास पर पेश होने की हिदायत दी गई है ।
गांधी नगर में नवंबर 2011 में मुनाक़िदा मुबय्यना इजलास के बारे में सी बी आई ने जडेजा से तफ़तीश की जिस में इशरत जहां और दीगर तीन के फ़र्ज़ी एनकाउंटर की तहक़ीक़ात में रुकावट पैदा करने की हिक्मत-ए-अमली का ताय्युन किया गया था। मुअत्तल आई पी ऐस ओहदेदार जी एल सिंघल ने जो इस इजलास में शिरकत करने वाले 9 ओहदेदारों में से एक थे सी बी आई के तहक़ीक़ात को दो पेन ड्राईव हवाले किए गए हैं जिन में इजलास की पूरी रूदाद रिकार्ड है।
सिंघल फ़िलहाल ज़मानत पर रिहा हैं क्योंकि सी बी आई मुक़र्ररा 90 दिन में उनके ख़िलाफ़ फ़र्द-ए-जुर्म पेश करने से क़ासिर रही है ।ऐडवोकेट जनरल त्रिवेदी के ख़ानगी कमरे में एक इजलास मुनाक़िद किया गया था जिस में 9 अफ़राद बिशमोल सिंघल उनके वकील दोस्त रोहित वर्मा और इशरत जहां फ़र्ज़ी एनकाउंटर मुक़द्दमे के दीगर मुल्ज़िमीन ने शिरकत की थी।
गुज़िशता हफ़्ते सी बी आई ने चीफ़ मिनिस्टर के सैक्रेटरी मुरमू और शोबा जराइम के जवाइंट कमिशनर ए के शर्मा से तफ़तीश की थी । मुअत्तल आई पी ऐस ओहदेदार डी जी वंज़ारा से भी तफ़तीश की गई जिन्होंने अपना मकतूब इस्तीफ़ा रवाना करते हुए एक ताज़ा तनाज़ा खड़ा कर दिया है। सी बी आई की तहक़ीक़ात इस मुक़द्दमे में हुनूज़ जारी हैं जबकि महिकमे ने जुलाई 2013 में फ़र्द-ए-जुर्म पेश करने का तयक़ून दिया था।