मौलाना अबूबकर का ताल्लुक़ पंजाब के ज़िला क़सूर के इलाक़े कोट राधा किशन से है और उन के ख़िलाफ़ रवां साल के अवाइल में ही मुनाफ़िरत पर मबनी तक़ारीर करने पर मुक़द्दमा दर्ज किया गया था.
पाकिस्तान में इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी की एक अदालत ने एक इमाम मस्जिद को इश्तिआल अंगेज़ और फ़िर्कावाराना मुनाफ़िरत पर मबनी तक़ारीर करने पर पाँच साल क़ैद की सज़ा सुनाई है।
लाहौर में एक सरकारी वकील शेख़ सईद अहमद ने वाइस आफ़ अमरीका से गुफ़्तगु मेंतसदीक़ कि इमाम मस्जिद मौलाना अबूबकर को नफ़रत अंगेज़ तक़ारीर पर ये सज़ा सुनाई गई।
उन्हों ने बताया कि मौलाना अबूबकर का ताल्लुक़ सूबा पंजाब के ज़िला क़सूर के इलाक़े कोट राधा किशन से है और उन के ख़िलाफ़ रवां साल के अवाइल में ही मुनाफ़िरत पर मबनी तक़ारीर करने पर मुक़द्दमा दर्ज किया गया था।
इमाम मस्जिद ख़ुद पर लगाए इल्ज़ामात की नफ़ी करते रहे हैं और उन के वकील ने इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी की अदालत से इस्तिदा की थी कि ये मुक़द्दमा ख़ारिज किया जाये।
ताहम सरकारी वुकला की तरफ़ से पेश किए गए ठोस शवाहिद की बना पर अदालत ने ये सज़ा सुनाई। इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी की अदालत के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ मौलाना अबूबकर को अपील का हक़ हासिल है।