इसराइल के जंगी जराइम से मोदी हुकूमत की चशमपोशी

नई दिल्ली: जनतादल मुत्तहदा ने आज अक़वाम-ए-मुत्तहिदा हुक़ूक़-ए-इंसानी काउंसिल के इजलास में फ़लस्तीन से मुताल्लिक़ क़रारदाद पर वोटिंग के दौरान ग़ैर हाज़िर रहने नरेंद्र मोदी हुकूमत के फ़ैसले की मज़म्मत की है। जनतादल मुत्तहदा के जनरल सैक्रेटरी के सी त्यागी ने एक सहाफ़ती बयान में बताया कि पार्टी का ये एहसास है कि मर्कज़ी हुकूमत का ये फ़ैसला मुल्क के मुफ़ाद में नहीं है जिस के बाइस अरब ममालिक के साथ यकजहती मुतास्सिर होसकती है।

उन्होंने बताया कि अगर देरीना पालिसी से इन्हिराफ़ किया गया तो मुस्तक़बिल में कोई मग़रिबी एशियाई ममालिक हमारे साथ नहीं होगा। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा हुक़ूक़-ए-इंसानी काउंसिल के इजलास में फ़लस्तीन से मुताल्लिक़ क़रारदाद पर वोटिंग के दौरान हिन्दुस्तान पहली मर्तबा ग़ैर हाज़िर रहा।

जबकि इस क़रारदाद के ज़रिये गुज़िश्ता साल ग़ज़ा में तसादुम के दौरान सैंकड़ों फ़लस्तीनीयों की हलाकत पर इसराइल से जवाबतलब किया गया है। मिस्टर त्यागी ने कहा कि अक़वाम-ए-मुत्तहिदा में इसराइल की ताईद करने हुकूमत के फ़ैसले की जनतादल मुत्तहदा मज़म्मत करती है। उन्होंने कहा कि अगर 40 ममालिक इसराइल के ख़िलाफ़ फ़लस्तीनी मौक़िफ़ की ताईद कररहे हैं तो जनतादल मुत्तहदा ये समझने से क़ासिर है कि मर्कज़ी हुकूमत ने इस रिवायत की ख़िलाफ़वरज़ी क्यों की है।