इसराईली जंग बंदी में तौसीअ नाकाम, जारिहाना कार्रवाई जारी

इसराईल ने आज ग़ाज़ा में इंसानी बुनियादों पर जंग बंदी में अक़वामे मुत्तहिदा की दरख़ास्त पर 24 घंटे तक तौसीअ करदी, लेकिन हम्मास ने इस पेशकश को मुस्तरद करते हुए कहा कि कोई भी जंग बंदी उस वक़्त तक कारआमद नहीं हो सकती, जब तक कि इसराईली दबाबे ग़ाज़ा की सरज़मीन से तख़लिया ना करदें।

हम्मास ने इसराईल पर राकेट हमलों का दोबारा आग़ाज़ कर दिया। 20 दिन की जंग में एक हज़ार 50 फ़लस्तीनी हलाक हो चुके हैं। कल रात देर गए इसराईली काबीना का एक हंगामी इजलास मुनाक़िद किया गया जिस में जंग बंदी में तौसीअ का फैसला किया गया, ताहम काबीना ने इंतिबाह दिया कि अगर फ़लस्तीनी अस्करीयत पसंद जंग बंदी की ख़िलाफ़वर्ज़ी करें तो फ़ौज कार्रवाई करेगी।

काबीना का आज दोबारा इजलास तलब किया गया है ताकि फ़ौजी कार्रवाई के तसलसुल पर ग़ौर किया जा सके। हम्मास ने अपने एक ब्यान में कहा कि इंसानी बुनियादों पर जंग बंदी ग़ाज़ा पट्टी से इसराईली दबाबों (तोपों) की दस्तबर्दारी की सूरत में ही कारआमद हो सकती है। इस के बगैर शहरी अपने मकानों को वापिस होने के क़ाबिल नहीं होंगे और ग़ाज़ा में एम्बुलेन्स कारें नाशों को आज़ादी के साथ मुंतक़िल नहीं कर सकेंगी।

गुज़िश्ता 20 दिन की ग़ाज़ा पर इसराईल की वहशियाना बमबारी के ख़िलाफ़ आलमगीर सतह पर सदाए एहतेजाज बुलंद की गई है, ताहम इसराईल का कलीदी हलीफ़ अमरीका अब भी इसराईल को ख़ुद हिफ़ाज़ती का अख़्तियार होने का दावा करते हुए उस के हमला की ताईद कर रहा है और ख़लीजी ममालिक की हुकूमतों ने सिवाए क़तर के गहरी ख़ामोशी अख़्तियार कर रखी है।