इसराईली सिपाही की पाँच साल बाद रिहाई

यरूशलम 19 अक्टूबर, ( पी टी आई ) इसराईल के मग़्विया सिपाही गिलाद शलीत की रिहाई के लिए पाँच साल से जारी जद्द-ओ-जहद आज पूरी हुई। हम्मास जन्ग्जो ने उसे मिस्र के हुक्काम के हवाले किया।

सिपाही की रिहाई से यहूदी ममलकत को बहुत बड़ी राहत मिली ही। यहूदी सिपाही शलीत की एक क़ैदी के तबादला के तहत हुए मुआहिदा के मुताबिक़ मुक़ामी वक़्त तक़रीबन 8 बजे मिस्र की तहवील में दिया गया।

इस एक सिपाही के इव्ज़ इसराईल नी77 फ़लस्तीनी क़ैदीयों के पहले बयाच को रिहा करदिया ही। फ़लस्तीनी क़ैदीयों की रिहाई का जज़बाती मंज़र जोश-ओ-ख़ुरोश के मुताबिक़ देखा गया।

ईसराईलीयों और फ़लस्तीनी तंज़ीम हम्मास के दरमयान रफ़ाअ क्रासिंग पर ये तारीख़ी क़ैदीयों के तबादला का अमल पेश आया। सरहद पार करने से क़बल शलीत को मिस्रियों के हवाले किया गया।

उसे गाजा से मुसल्लह अफ़्वाज का एक ग्रुप लेकर सरहद पर पहूँचा था। गिलाद शलीत को हम्मास ने मिस्र मुंतक़िल किया है और एक इसराईली डाक्टर उस की सेहत का मुआइना कर रहा है। मिस्र के ओहदेदारों के हवाले से टेलीविज़न चैनल ने बताया कि इसराईली सिपाही को मिस्र से बादअज़ां इसराईल रवाना किया जाएगा।

इस की मिस्र को मुंतक़ली के इव्ज़ इसराईली जेलों में महरूस फ़लस्तीनी के 1027 शहरीयों की जज़बाती रिहाई अमल में आई। ये क़ैदी तवील मुद्दत से रिहाई के मुंतज़िर थी। इसराईली जेलों से रहा फ़लस्तीनी क़ैदीयों का हीरोज़ की तरह इस्तिक़बाल किया गया।गुज़शता हफ़्ता इसराईल। फ़लस्तीन के दरमयान मुआहिदा हुआ था।

गिलाद शलीत की हवालगी का वक़्त मुक़र्रर था। इस के साथ ही 477 फ़लस्तीनी क़ैदीयों के पहले बयाच को लेकर बसें ग़ज़ा पट्टी और मग़रिबी किनारा के लिए रवाना हुईं। मिस्र के टी वी चैनल ने रिहाई हासिल करने वाले फ़लस्तीनी क़ैदीयों के अरकान ख़ानदान सरहद पर खड़े होकर अपने रिश्तेदारों की आमद का पुरजोश इंतिज़ार कर रहे थे उन के हाथों में पर्चम थी। फ़लस्तीनी अवाम परचमों को लहरा कर अपने शहरीयों का ख़ौरमक़दम करने टहरे थी।

गिलाद शलीत को ज़ाइद अज़ पाँच साल क़बल ग़ज़ा में हम्मास जन्ग्जो ने गिरफ़्तार कर लिया था।इस के बाद एक यहूदी क़ैदी के इव्ज़ कई फ़लस्तीनीयों की रिहाई के लिए सब से अहम तरीन मुआहिदा पर दस्तख़त किए थी। इसराईल अपने सिपाही की रिहाई का अटकी हुई सांस के साथ इंतिज़ार कर रहा था।

यहूदी सिपाही शलीत जो 6 साल में पहला यहूदी सिपाही है जो ज़िंदा वतन वापिस हुआ है। फ़लस्तीनी क़ैदीयों को लाने वाली बसें मिस्र से मुत्तसिल इसराईली सरहद को उबूर करके मग़रिबी किनारा और ग़ज़ा की सिम्त जा रही थीं। इस बात की तौसीक़ वज़ीर-ए-दिफ़ा इसराईल ने की है।

दर असल हम्मास के साथ हुए मुआहिदा के मुताबिक़ ये रिहाई अमल में लाई गई। सुबह सादिक़ है फ़लस्तीनी क़ैदीयों के एक क़ाफ़िला को इसराईल की जेल से बाहर लाया गया। ये जेल मग़रिबी किनारा के क़रीब वाकया है। जैसे ही ये क़ाफ़िला क्रीम सीलाम क्रासिंग पर पहुंचा जहां उन्हें बराह मिस्र गाजा लाया गया। बसों से उतारने के बाद उन की शनाख़्त करवा कर रेडक्रास के ओहदेदारों के हवाले किया गया जिन्हों ने उन्हें मिस्रियों के हवाले किया।

यहूदी सिपाही की रिहाई के लिए आख़िरी रुकावट को कल उस वक़्त दूर कर लिया गया जब इसराईली अदालत ने इस मुआहिदा की मुख़ालिफ़त करते हुए दाख़िल करदा दरख़ास्त को मुस्तर्द कर दिया। हम्मास के सीनीयर लीडर महमूद ज़ाहिर जो गिलाद शलीत की रिहाई मुआहिदा में मुज़ाकरात कारों में से एक हैं कहा कि इसराईल ने ग़ज़ा पट्टी में नाका बंदी ख़तम करने के बिशमोल कई तबादलों के मुआहिदा करने से इत्तिफ़ाक़ किया है।