इसराईल , ईरान पर हमला करने की हिम्मत नहीं कर सकता

(मुहम्मद मुबश्शिर अली उद्दीन ख़ुर्रम ) आलमी मार्च बराए येरूशलम में हिस्सा लेने वाले एशियाई ममालिक के कारवानों का आज इरान की क़ौमी पार्लीयामेंट में ख़ैर मुक़द्दम किया गया। ईरानी पार्लीमेंट के स्पीकर ने इसराईल को भोंकने वाले कुत्ते से ताबीर करते हुए कहा कि वो ईरान के मुतनाज़ा न्यूक्लियर प्रोग्राम के ख़िलाफ़ इस पर हमला करने की हिम्मत नहीं कर सकता।

स्पीकर पार्लीमेंट अली लारी जानी ने कहा कि ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम से मुताल्लिक़ इसराईल ने बहुत शोर मचाया है लेकिन वो ईरान पर हमला करने की हमाक़त नहीं करेगा। इन के ब्यान को पार्लीमेंट के वेब साईट पर पेश किया गया। इसराईल का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग भोकने वाले कुत्तों की तरह हैं जो हमला नहीं कर सकते।

इसराईल , ईरान पर हमला करने की ग़लती नहीं करेगा क्योंकि वो अपनी क़िस्मत के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता। लारी जानी ईरान के साबिक़ आला न्यूक्लियर मुज़ाकरात कार हैं और वो मुल़्क की उलमाए दीन की ज़ेर-ए-क़ियादत हुकूमत के पुरज़ोर हामी भी हैं। इनके ब्यानात से ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम से मुताल्लिक़ कशीदगी में इज़ाफ़ा हो सकता है। स्पीकर इरान क़ौमी पार्लीयामेंट डाक्टर अली लारी जानी ने कारवाँ के अरकान से इवान में ख़िताब करते हुए कहा कि हमारा इरान, फिलीस्तीन की दोस्त ताक़तों का दोस्त है। मसला फिलीस्तीन पर सिफ़ारती रवैय्या इख्तेयार करने वालों के ताल्लुक़ से इरान अपना मौक़िफ़ रखता है।

इरान की वाज़िह पॉलीसी मस्जिद ए अक़्सा की बाज़याबी और फिलीस्तीन की आज़ादी और फिलीस्तीनी अवाम के मुफ़ादात का तहफ़्फ़ुज़ है। उन्होंने कहा कि तहदेदात से इरान पर कुछ फ़र्क़ नहीं पड़ता। तहदेदात के बाइस हमारे हौसलों को मज़ीद जिला मिली है। इरान के ख़िलाफ़ तहदेदात की असल वजह फिलीस्तीनी काज़ की हिमायत है। मग़रिबी मीडिया दुनिया को हमारा ख़िलाफ़ जंग की तरफ़ धकेल रहा है और ये बावर करवाने की कोशिश कर रहा है कि इसराईल कभी भी इरान पर हमला कर सकता है जबकि वो दो मर्तबा शिकस्त खा चुका है।

उन्होंने कहा कि वज़ीर आज़म इसराईल ने अमेरीका में हमला की धमकी दी है। उन्होंने इसराईली वज़ीर आज़म के बयान पर कहा कि भोकने वाला कुत्ता नहीं काटता। डाक्टर अली लारी जानी ने कहा कि फिलीस्तीन की आज़ादी हर मुस्लमान का फ़रीज़ा है और उन्हें हर हालत का मुक़ाबला करने तैयार रहना चाहीए। इन्क़लाब इरान के समरात आज महसूस होने लगे हैं। उन्होंने कहा कि इरान का जौहरी ताक़त बनने का मक़सद तरक़्क़ी और हिफ़ाज़त ख़ुद इख्तयारी है। इरान के ख़िलाफ़ मग़रिब साज़िश में मसरूफ़ है और ग़लत प्रोपगंडा किया जा रहा है कि इरान न्यूक्लीयर ताक़त बन करने इसराईल पर हमला करने वाला है।

हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है। कोई मुस्लमान भी ऐसा नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि यहूदी, मुस्लमानों को पसंद नहीं करते। मुस्लिम दुनिया में जो कुछ हो रहा है इस को मद्द-ए-नज़र रखते हुए हुकूमत इरान की न्यूक्लीयर पॉलीसी को हमारी मुकम्मल हिमायत है। उन्हों ने कहा कि फिलीस्तीनी अवाम पर ज़बरदस्त मज़ालिम ढाए जा रहे हैं कि वो ज़िंदा ना रह सकें मगर उन्हें जीने पर मजबूर किया जा रहा है।

फिलीस्तीनियों की ज़िंदगी अजीर्ण कर दी गई है। हम अफ़्ग़ानिस्तान और इरान की तारीख को दुहराने नहीं देंगे। इरान पर बुरी नज़र डालने वालों को ख़म्याज़ा भुगतना पड़ेगा। दुनिया देखेगी कि इसराईल ख़तम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि फिलीस्तीन और इसराईल के दरमियान जंग बंदी की मिस्री हुक्काम की कोशिशें काबिल-ए-सिताइश है। उन्होंने कहा कि हुकूमतों को चाहीए कि अवाम की ख़ाहिशात का एहतेराम करे।

दुनिया के हर ख़ित्ता के अवाम फ़लस्तीनी काज़ के हक़ में हैं। न्यूकलीयर ताक़त ममलकत की सलामती के ज़ामिन नहीं है। इंशाअल्लाह बहुत जल्द मुस्लमान बैत उल-मुक़द्दस में सलात अदा करेंगे। तिलावत ए कुरान मजीद से प्रोग्राम का आग़ाज़ हुआ। इस मौक़ा पर वुज़रा डाक्टर अली अकबर विलाएती और डाक्टर गफूरी अब्बास के इलावा अरकान पार्लीयामेंट की कसीर तादाद मौजूद थी।

बादअज़ां स्पीकर ने वुज़रा के साथ ज़ुहराना तरतीब दिया था। क़बल अज़ीं मुख़्तलिफ़ ममालिक से आने वाले कारवानों के अरकान ने बुरज आज़ादी पर 500 मीटर तवील फिलीस्तीनी पर्चम लहराया और कबूतर छोड़े और फिलीस्तीन की कामिल आज़ादी तक जद्द-ओ-जहद जारी रखने का अह्द किया।