यरूशलम । 12 जनवरी । ( पी टी आई ) इसराईल को हिंदूस्तान से आने वाले महीनों में मुतअद्दिद नामी गिरामी दौरों का मंसूबा है जबकि वज़ीर उमूर ख़ारिजा एस एम कृष्णा ने अपना समर आवर दो रोज़ा दौरा आज यहां मुकम्मल करलिया । सरकारी ज़राए के बमूजिब साबिक़ ममुल्क ती वज़ीर बराए उमोर ख़ारिजा शशी थरूर और उन की शरीक हयात सुनंदा पुष्कर इस माह के अवाख़िर दौरा करने वाले हैं।
ज़राए ने कहा कि ये जोड़ा एक कान्फ़्रैंस में शिरकत के लिए शख़्सी तौर पर आरहा है । उन के बाद मर्कज़ी वज़ीर शहरी तरकयात कमल नाथ इमकान है वस्त फ़बरोरी में इसराईल का दौरा करेंगे । मई में वज़ीर फ़रोग़इंसानी वसाइल कपिल सिब्बल के दौराए इसराईल का इमकान है जिस के बाद वज़ीर सयाहत सुबोध कांत सहाय आएंगे ।
इसराईल के साथ सिफ़ारती ताल्लुक़ात सिर्फ 20 साल क़बल क़ायम हुए लेकिन बिलख़सूस गुज़श्ता चंद बरसों में बाहमी रवाबित में काफ़ी तेज़ी से तरक़्क़ी हुई है । कृष्णा का दौरा गुज़श्ता 11 साल में किसी हिंदूस्तानी वज़ीर ख़ारिजा का अव्वलीन दौरा-ए-इसराईल भी रहा । ज़राए ने कहा कि हिंदूस्तान और इसराईल दोनों एक दूसरे को बिलख़सूस ज़राअत , आबपाशी , तहफ़्फ़ुज़ आब , क़ाबिल तरजीह तवानाई , दिफ़ा और दाख़िली सलामती के शोबों में तआवुन केलिए काबिल-ए-भरोसा शराकतदार के तौर पर देख रहे हैं ।
अगरचे हिंदूस्तान ने मुतअद्दिद मौक़ों पर फ़लस्तीन की बैन उल-अक़वामी फोरमों में ताईद की है लेकिन इसराईल के साथ उस की दोस्ती भी फलती फूलती रही है । एक सिफ़ारती ज़रीया ने कहा इस मुल्क के साथ हमारा रिश्ता दीगर ममालिक के साथ हमारे रवाबित पर असर नहीं डालता है । हम ने बैन उल-अक़वामी मसाइल पर अपना मौक़िफ़ वाज़ेह कर रखा है ।