इसराईल पर जन्गी जराइम के मुक़द्दमा के लिए सदर फ़लस्तीन पर दबाव

फ़लस्तीनी सदर महमूद अब्बास इसराईल के ख़िलाफ़ ग़ाज़ा की पट्टी में जंगी जराइम पर मुक़द्दमा चलाने के लिए हम्मास समेत तमाम फ़लस्तीनी ग्रुप्स की जानिब से तहरीरी हिमायत के ख़ाहां हैं।

महमूद अब्बास माज़ी में इसराईल के ख़िलाफ़ आलमी फ़ौजदारी अदालत में जंगी जराइम का मुक़द्दमा चलाने में धोखा का शिकार रहे हैं क्योंकि उन्हें ये ख़द्शा लाहक़ रहा है कि उन के इसराईल के साथ कशीदा ताल्लुक़ात मुकम्मल तौर पर मुआनिदाना हो सकते हैं और वो अमरीका के मद्दे मुक़ाबिल भी आ सकते हैं।

लेकिन अब ग़ाज़ा की पट्टी में गुज़िश्ता चौबीस रोज़ के दौरान इसराईली जारहीयत में चौदह सौ फ़लस्तीनीयों की शहादत के बाद उन पर फ़लस्तीनी ग्रुप्स और सियासी हल्क़ों की जानिब से इसराईल के ख़िलाफ़ हेग में क़ायम आलमी फ़ौजदारी अदालत(आई सी सी) में मुक़द्दमा चलाने के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है।

इसराईली ओहदेदारों का ये दावा है कि वो अपने दिफ़ा में हम्मास के राकेट छोड़ने की जगहों को निशाना बना रहे हैं। उन्हों ने बताया कि गुज़िश्ता मंगल को सियासी लीडरों का इजलास हुआ था और महमूद अब्बास ने शुर्का से कहा कि आई सी सी से रुजू करने के लिए एक आलामीए पर दस्तख़त करदें।

उस वक़्त इजलास के तमाम शुर्का ने इस पर दस्तख़त कर दिए थे और अब अदालत से रुजू करने का हतमी फ़ैसला ख़ुद सदर महमूद अब्बास ही करेंगे।